India News (इंडिया न्यूज़), World Tourism Day 2023: इस वर्ष भी उत्तर प्रदेश में अंतराष्टीय स्तर पर 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। गोरखपुर में इस अवसर पर प्रदेश स्तरीय पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत होगी। इस कार्यक्रम का उद्घाटन सीएम योगी करेंगे।
विश्व पर्यटन दिवस कार्यक्रम में पर्यटन विभाग की तरफ से प्रदर्शनी लगाई जाएगी जिसमें प्रदेश को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने को लेकर सरकार के प्रयासों की पूर्ण जानकारी दी जाएगी।
27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाला प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम गोरखपुर में होगा। कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल रहेंगे। यह कार्यक्रम 27 से 29 सितंबर तक तीन दिन तक चलेगा। इस कार्यक्रम के आयोजन की रूपरेखा तैयार करने में पर्यटन विभाग जुटा हुआ है। सभी कार्यक्रम योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में होंगे। कार्यक्रम की शुरुआत 27 सितंबर की सुबह हो जाएगी।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री के हाथों शाम तीन बजे के करीब होगा। इस अवसर पर सीएम योगी बच्चों से भरी बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह बस बच्चों को घूमाने के लिए कुशीनगर ले जाएगी। इस कार्यक्रम में पर्यटन विभाग की तरफ से प्रदर्शनी भी लगेंगी जिसमें राज्य को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने को लेकर सरकार के सभी प्रयासों की संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। ऐसे भ्रमण स्थलों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी, जो काफी समय से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए है।
कार्यक्रम में प्रदेश भर के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएगी। रविवार को पर्यटन निदेशालय की एक टीम गोरखपुर पहुंची। उसने आयोजन स्थल का निरीक्षण कर कार्यक्रम की आरंभिक रूपरेखा तैयार की, जिसे निदेशालय द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। सोमवार को कार्यक्रम का औपचारिक स्वरूप तय हो जाने की संभावना है।
मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) का नया प्रशासनिक भवन बनकर तैयार हो गया है। 26 सितंबर को 11 करोड़ 86 लाख रुपये की लागत से तैयार नए प्रशासनिक भवन का लोकार्पण होने जा रहा है। इस दिन सीएम योगी आदित्यनाथ सुबह 11:30 बजे भवन का लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम को लेकर प्रशासन के सहयोग से विश्वविद्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है। वर्ष 2014 में मदनमोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज के विश्वविद्यालय में परिवर्तित होने के बाद विश्वविद्यालय में कार्यालयी कार्य बढ़ गया। ऐसे में विभिन्न विभागों में कार्यानुसार अलग-अलग कार्यालय स्थापित किए गए।
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