अजय त्रिवेदी, लखनऊ।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाले काला नमक चावल की बढ़ती मांग के बाद अब योगी सरकार जैविक विधि से उपजने वाले मोटे अनाजों से खास मार्केटिंग करेगी। प्रदेश की मंडियों में इन अनाजों के लिए अलग से काउंटर खोल कर उनकी खरीद और बिक्री की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्राकृतिक खेती के अंतर्गत जैविक पद्धति से रासायनिक खाद रहित जो खाद्यान्न उत्पादन हो रहा है, उसे बढ़ावा दिया जाएगा।
सीएम ने कहा कि जैविक विधि से उपजने वाले अनाजों के लिए सभी 18 मंडलों में पहले चरण में टेस्टिंग लैब स्थापित की जा रही है। साथ ही, प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को उपज का उचित दाम मिल सके, इसके लिए हर मंडी में अलग से व्यवस्था बनाकर व्यवस्थित मार्केटिंग के काम को भी आगे बढ़ाया जा है। इसके अलावा बुंदेलखंड के सात जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अपने स्तर पर विशेष प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी ने केंद्रीय बजट में भी प्राकृतिक खेती को स्थान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में एक बड़े भूभाग में प्राकृतिक खेती की जा रही है। खासतौर पर नमामि गंगे और परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत पिछले तीन साल में प्रदेश में पहले चरण में जैविक खेती को बढ़ावा दिया और 2020 के बाद से प्राकृतिक खेती को अपनाकर इस क्षेत्र में अनेक नए प्रयोग भी किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे योजना में भी 27 जिलों में गंगा के तटवर्ती 10 किमी के अंदर प्राकृतिक खेती में ही औद्यानिकीकरण और कृषि वानिकी को शामिल करते हुए दो लाख से अधिक किसानों को जोड़ने के एक बड़े अभियान को आगे बढ़ाया गया है। योगी ने कहा कि प्राकृतिक खेती से जुड़कर किसान धरती को विष से मुक्त करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 825 विकास खंडों में 1.65 लाख किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं।
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