India News (इंडिया न्यूज),Yogi Govt: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगा सकती है। कुछ कंपनियों ने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर धंधा खोल रखा था। ऐसी कंपनियां कपड़ा, डेयरी, नमकीन, चीनी, मसाले, साबुन इत्यादि जैसे उत्पादों को भी हलाल सर्टिफाइड करके बेच रही थीं। अब इस पूरे मामले की जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आ गया है जिसमें बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यूपी सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम बनाने जा रही है।
हलाल सर्टिफिकेशन के बाद उत्पाद बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। शैलेन्द्र शर्मा की शिकायत के आधार पर हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाला काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई की अज्ञात कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी/153ए/298, 384, 420 के तहत मुकदमा दर्ज की गई है। भारत में कोई भी सरकारी संस्था इस तरह का प्रमाणन जारी नहीं करती है।
इस्लामी धर्मशास्त्र में, जिसे हराम घोषित किया गया है वह निषिद्ध है जबकि जिसे हलाल घोषित किया गया है, वह स्वीकार्य है। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, हलाल भोजन उत्पादन और जानवरों के वध की प्रक्रिया पर लागू होता है। हलाल सर्टिफिकेशन का मतलब है कि किसी विशेष उत्पाद का निर्माण इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार किया गया है। कई कंपनियाँ अपने उत्पादों पर “हलाल सर्टिफिकेट” का स्टैम्प लगाती हैं।
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