India News (इंडिया न्यूज़), Sanjay Mishra, Bahraich : जिले में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वर्तमान हालात की अगर बात करें तो जनपद बहराइच की चार तहसीलों के तकरीबन डेढ़ सौ से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में है। महसी ब्लाक के ग्राम पंचायत बकैना, चकदहा, गौरिया, कोठार, केवलपुरवा, किशनपुर बगिया, बिलियन पुरवा विद्यापुरवा सहित 4 दर्जन से अधिक गांव पानी से जलमग्न हैं।
पहाड़ों पर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से निचले मैदानी इलाकों में बाढ़ का कहर शुरु हो गया है। बहराइच जिले की चार तहसीलों के कई गांव पानी की चपेट में आ गए हैं। गांव में पानी घुसने और लोगों की घर गृहस्थी बर्बाद होने से बाढ़ पीड़ितों के सामने जीवन एक बड़ी चुनौती बन गया है। लगातार बढ़ रहे पानी की वजह से नानपारा तहसील क्षेत्र के मांझा दरिया, लीला पुरवा, चुरईपुरवा, सहित तमाम गाँव के लोगों में बाढ़ को लेकर दहशत हैं।
नानपारा, मोतीपुर, कैसरगंज एवं महसी तहसील में इस समय बाढ़ का कहर जारी है। घाघरा नदी एलग्रीन ब्रिज पर खतरे के निशान से 42 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। उफनाई घाघरा को देखते हुए ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी कर दी गयी है। हालांकि जिले की डीएम मोनिका रानी का कहना है कि नेपाल में हुई भीषण बारिश की वजह से ये स्थिति उतपन्न हुई है। लेकिन अब जलस्तर कम होने लगा है। अधीनस्थ अधिकारी बाढ़ग्रस्त इलाके की निगरानी कर रहे हैं।
बाढ़ ग्रस्त इलाके में रहने वाले बाढ़ पीड़ित बाढ़ के पानी के बीच घनघोर अंधेरे में दहशत के बीच रात गुजर रहे हैं। कोई घटना या दुर्घटना ना हो इसके लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों की बिजली काट दी गई है। पहले कोट की दुकानों पर केरोसिन मिला करता था। जिससे लोग चिराग जलाकर अपना गुजारा कर लेते थे, लेकिन अब वह भी नहीं मिलता है। पीड़ितों के घरों सहित चारों तरफ पानी ही पानी है। ऐसे में जहरीले एवं जीव जंतुओं का खतरा बना रहता है। बढ़पुरी इलाकों के लोग लगातार प्रशासन की तरफ टकटकी निगाहों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।