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Barabanki News: करोड़ों रुपए खर्च, फिर भी गोशाला में भूख और बीमारी से मर रही गायें, सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी नहीं सुधर रहे हालात

• LAST UPDATED : June 20, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Barabanki News: उत्तर प्रदेश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। बाराबंकी जिले में हर दिन पारा एक नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है। बाराबंकी में इस भीषण गर्मी से गोशाला में भर्ती गायों के हाल बेहाल है। गौशाला में मूलभूत सुविधा, भीषण गर्मी और चारे की कमी जानवरों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। अधिकतर गोशालाओं में स्थिति यह है कि भीषण गर्मी, चारा-पानी और इलाज के अभाव में गाय दम तोड़ रही है। गायों की मौत से गौशाला प्रबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। मौत के बाद गाय जानवरों के बीच पड़ी रहती हैं। जिससे काफी दुर्गंध हो रही है और बीमारी बढ़ने का खतरा है, लेकिन जिला प्रशासन इतना व्यस्त है कि गायों की मौत पर कोई संज्ञान नहीं ले रहा है। जिला प्रशासन के संज्ञान नहीं लेने से अधिकतर गौशालाओं में गायों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है।

भीषण गर्मी से गायों और बछड़ों की मौत का सिलसिला जारी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गाय प्रेम किसी से छिपा नहीं है। गायों के प्रति उनकी इस संवेदनशीलता का ही नतीजा है कि राज्य में सरकार बनने के बाद से ही गायों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनकी देखभाल के लिए कई फ़ैसले लिए गए। गोशालाएं बनवाने के निर्देश दिए गए और बजट में अलग से इसके लिए प्रावधान तक किया गया, लेकिन राज्य का शायद ही कोई ऐसा इलाक़ा हो। जहां से चारे और पानी के अभाव में आए दिन गायों-बछड़ों के मरने की ख़बर न आती हो। इस समय प्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है । इससे गायों और बछड़ों की मौत का सिलसिला और बढ़ गया है।

जिला प्रशासन नहीं लेता कोई संज्ञान 

बाराबंकी जिले में सूरतगंज विकास खण्ड क्षेत्र के अमराई गांव में बने गौशाला की स्थिति यह है कि भीषण गर्मी, चारा-पानी और इलाज के अभाव में गाय दम तोड़ रही है। गायों की मौत से गौशाला प्रबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। गौशाला प्रबंधन मौत के बाद गायों को गौशाला से हटाने तक की जहमत नहीं उठा रहा है। अमराई गांव में बने इस गौशाला में मौत के बाद गाय जानवरों के बीच पड़ी हैं। जिससे काफी दुर्गंध हो रही है और बीमारी बढ़ने का खतरा है। लेकिन जिला प्रशासन इतना व्यस्त है कि गायों की मौत पर कोई संज्ञान नहीं ले रहा है। जिला प्रशासन के संज्ञान नहीं लेने से अधिकतर गौशालाओं में गायों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है।

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