Friday, July 5, 2024
Homeउत्तराखंडUttarakhand Avalanche Rescue Operation: 10 पर्वतारोहियों की मौत, 8 का रेस्क्यू किया

Uttarakhand Avalanche Rescue Operation: 10 पर्वतारोहियों की मौत, 8 का रेस्क्यू किया

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मंगलवार को एवलांस आया। एवलांच की चपेट में आने से 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास में फंस गए। जिन्हें निकालने के लिए निम की तरफ रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।

- Advertisement -

इंडिया न्यूज, उत्तरकाशी (Uttarakhand)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मंगलवार को एवलांस आया। एवलांच की चपेट में आने से 29 प्रशिक्षणार्थी क्रेवास में फंस गए। जिन्हें निकालने के लिए निम की तरफ रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है। वहीं क्रेवास में फंसे आठ प्रशिक्षणार्थियों को रेस्क्यू कर निकाला गया है। 10 की मौत की सूचना आई है। हालांकि अभी किसी ने कन्फर्म नहीं किया है।

11 लोग अभी भी क्रेवास में फंसे हैं। यह घटना द्रौपदी का डांडा (DKD) नाम की जगह पर हुई। जहां आमतौर पर पर्वतारोहियों को ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के 29 ट्रेनी गए थे।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने की राजनाथ सिंह से बात

इस हादसे के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है। उन्होंने कहा कि द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है।

रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षार्थियों को जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकालने के लिए NIM की टीम के साथ जिला प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और ITBP के जवानों द्वारा तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है।

मा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वार्ता कर रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के लिए सेना की मदद लेने हेतु अनुरोध किया है, जिसको लेकर उन्होंने हमें केंद्र सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता देने के लिए आश्वस्त किया है। सभी को सुरक्षित निकालने हेतु रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।

सीएम पुष्कर सिंह ने बताया कि द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी में हिमस्खलन होने के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी के 28 प्रशिक्षार्थियों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है।

रेस्क्यू के लिए IAF के 2 चीता हेलीकॉप्टर लगाए गए

एयरफोर्स के एक अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू के लिए IAF के 2 चीता हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। इससे पहले एक अक्टूबर को केदारनाथ मंदिर के करीब एवलांच हुआ था। वहीं, 23 सितंबर को मंदिर से करीब 5 किमी पीछे बने चौराबाड़ी ग्लेशियर में एवलांच आया था। इसका भी वीडियो सामने आया था।

रुद्रप्रयाग के डिजास्टर मैनेजमेंट अधिकारी एनएस रजवार ने बताया था कि यह काफी छोटा एवलांच था। दोनों ही एवलांच में कोई नुकसान नहीं हुआ था।

2013 में केदारनाथ के पास बादल फटने के कारण आई थी बाढ़

2013 में केदारनाथ में बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई थी। इस बाढ़ से पूरे उत्तराखंड में 4190 लोगों की मौत हुई थीं। आपदा की वजह केदारनाथ मंदिर से कुछ किलोमीटर ऊपर बनी चोराबाड़ी झील थी। झील में 16 जून 2013 की रात ग्लेशियर से हिमस्खलन हुआ था।

इसका पानी तबाही मचाते हुए नीचे उतरा और हजारों लोगों की मौत हो गई। बाढ़ के दौरान केदारनाथ धाम में करीब 3 लाख श्रद्धालु फंस गए थे, जिन्हें बाद में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के जवानों ने रेस्क्यू कर बचा लिया था। हालांकि, उसके बाद भी 4 हजार से ज्यादा लोग लापता हो गए थे।

यह भी पढ़ें- 38 घाटों पर होगा दीपोत्सव, 16 लाख दीये जलाकर बनेगा रिकॉर्ड

यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री ने नवमी पर कन्याओं के पांव पखारे, बच्ची ने कही बड़ी बात

यह भी पढ़ें- 11 साल के बच्चे का अपहरण कर मांगी 30 लाख की फिरौती, 24 घंटे के अंदर पुलिस ने कर दिया बड़ा खुलासा

Connect Us Facebook | Twitter

SHARE
RELATED ARTICLES

Most Popular