इंडिया न्यूज: (New initiative of youth! Arrangement of traditional food) चारधाम यात्रा में इस साल पारंपरिक भोजन देखने को मिलेगा। जस्सी की मानें तो यात्रियों के लिए यह किसी सरप्राइज़ से कम नहीं राज्य में उनकी अपनी संस्कृति के हिसाब से थाली होगी।
खबर में खास:-
- चारधाम यात्रा में इस साल पारंपरिक भोजन देखने को मिलेगा
- पहाड़ी शैली से संस्कृति को बढ़ावा दे रहे युवा
- गढ़वाल के पारंपरिक भोजन एवं संस्कृति का समायोजन किया गया
पहाड़ी शैली से संस्कृति को बढ़ावा दे रहे युवा
पहाड़ी शैली से बना पारंपरिक भोजन आज विलुप्त होने के कगार पर है। क्योंकि पलायन की मार से इसकी खेती नहीं हो पा रही है। जिसके कारण लोग अपनी भोजन थाली में पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं, पर कहतें है कि कुछ कर गुजरने की तमन्ना जिसके दिल में है वह असंभव को भी संभव बनाता है। इस कहावत को चरितार्थ किया है। जनपद के जस्सी ने जिसने आज गढ़वाली भोजन की थाली को लोगों के सामने परोसा है और इनकी इस हिम्मत को दाद देने जनपद के जिला अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक स्वयं पहुंचे और भोजन को चखकर गढ़वाली संस्कृति के दीवाने हो गए।
चारधाम यात्रा में गढ़वाली थाली देखने को मिलेगी
अब यह पारंपरिक भोजन यात्रा सीजन में यात्रियों को परोशने की तैयारी चल रही है। इस में गढ़वाल के पारंपरिक भोजन एवं संस्कृति का समायोजन किया गया है। जस्सी की मानें तो इस बार चार धाम यात्रा में आने वाले यात्रियों के लिए यह किसी सरप्राइज़ से कम नहीं होगा क्योंकि हर राज्य में उनकी अपनी संस्कृति के हिसाब से थाली होती है, पर पहली बार उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में गढ़वाली थाली देखने को मिलेगी।