India News (इंडिया न्यूज़), Uttarakhand High Court: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पर्यटन सीजन के दौरान नैनीताल में वाहनों की भीड़ से ट्रैफिक जाम लगने के कारण आवश्यक सेवाओं के बाधित होने के संबंध में एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यहां भी स्थिति जोशीमठ जैसी हो सकती है। स्थानीय प्रशासन ने यातायात प्रबंधन की उपेक्षा की है। जिससे वहां अफरातफरी मच गई है।
शहर में जाम की समस्या से कराया था अवगत
हाईकोर्ट ने नैनीताल में पार्किंग कम होने के कारण यहां हेली सर्विस, रोपवे और शटल सर्विस का सहारा लेने की जरूरत बताई है। कोर्ट ने नगर पालिका से पूछा है कि माल रोड पर कितने ई-रिक्शा चल रहे हैं। एक अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शहर में जाम की समस्या से अवगत कराया था। पत्र में कहा गया कि नैनीताल में खासकर सीजन के दौरान ट्रैफिक जाम की भारी समस्या रहती है।
पर्यटकों के वाहन जाम का मुख्य कारण
सीजन के दौरान यहां हजारों की संख्या में पर्यटक अपने वाहनों और टैक्सियों से आते हैं, जो जाम का मुख्य कारण होते हैं। समय-समय पर हाईकोर्ट द्वारा जिलाधिकारी व पुलिस प्रशासन को यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए जाते रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान आज तक नहीं हो पाया है. यातायात पुलिस सुचारू रूप से यातायात व्यवस्था करने में नाकाम साबित हुई है जिससे स्कूली बच्चों, कार्यालय कर्मियों व अधिवक्ताओं को समय पर पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पर्यटकों के वाहन भी सड़क पर ही पार्क
पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण होटल व्यवसायी पर्यटकों के वाहन भी सड़क पर ही पार्क करवा रहे हैं। ऐसे में कई बार एंबुलेंस सहित मरीजों को ले जा रहे निजी वाहन भी जाम में फंस जाते हैं। कालाढूंगी, भवाली व हल्द्वानी की ओर से आने वाले वाहनों की चेकिंग नहीं हो रही है। जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और पुलिस स्वयं मूकदर्शक बनी रहती है। इंडिया होटल के पास जू से शटल सर्विस है, जिससे जाम ज्यादा लगता है। उसे भी आगे शिफ्ट किया जाना चाहिए।
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