Wednesday, July 3, 2024
Homeउत्तराखंडUttarakhand News: चीन से लगी सीमा पर तीन सुरंग बनाने का प्रस्ताव...

Uttarakhand News: चीन से लगी सीमा पर तीन सुरंग बनाने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया, इतने किमी में सिमटेगी दूरी, आम लोगों के साथ सेना को भी होगा आराम

- Advertisement -

India News (इंडिया न्यूज़),Uttarakhand News: भारत-चीन सीमा पर दो अलग-अलग क्षेत्रों में जोड़ने वाले आईटीबीपी की दो चौकियों को आपस में जोड़ने और सीमांत क्षेत्र के लोगों को सुलभ यातायात मिले इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने दोनों घाटियों को आपस में जोड़ने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। इससे पिथौरगढ़ के जौलिंगकांग व चमोली के लप्थल के बीच की दूरी कम होकर 42 किमी रह जाएगी। जो की मौजूदा समय में 490 किमी है। जिसके लिए तकरीबन 57 किमी की तीन सुरंगों और 20 किमी सड़क मार्ग बनाया जाने का प्रस्ताव प्रस्तावित किया गया है। जिसमे अब इस परियोजना पर केंद्र सरकार की ओर से फैसला लिया जाना है।

पलायन रोकने के लिए परियोजना महत्वपूर्ण

वर्तमान समय में भारत-चीन सीमा को सीधा जोड़ने का एसा कोई मार्ग नहीं है, जो पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग आईटीबीपी पोस्ट को चमोली के लप्थल में आईटीबीपी पोस्ट से सीधा जोड़ता हो। सामरिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण इन दोनों पोस्टो को 57 किमी सुरंगों का निर्माण कर 490 किमी की दूरी को कम किया जा सकता है। इस क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, आईटीबीपी, सेना एव एसएसबी और पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड सरकार ने केंद्र को भेजे अपने प्रस्ताव में राज्य के आर्थिक विकास, पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों को बनाए रखने के साथ पलायन रोकने के लिए इस परियोजना को महत्वपूर्ण बताया है।

कितने किमी की होगी पहली सुरंग?

पिथौरागढ़ जिले के जौलिंगकांग (व्यास घाटी) से बेदाग (दारमा घाटी) तक की यात्रा शिमला पास होते हुए पूरी होती है, जो लगभग पूरे साल बर्फ से ढकी रहती है। जिसके कारण इस जगह पर रास्ते का निर्माण करना बहुत मुश्किल होता है। जौलिंगकांग के मध्य 5 किमी सुरंग का निर्माण वेदांग से गो एवं सिपु तक 20 किमी सड़क मार्ग सहित किए जाने से बीआरओ एवं सीपीडब्लूडी की ओर से निर्मित तवाघाट से बेदांग तक के मार्ग को जोड़ा जाना है। ये जौलिंगकांग व बेदांग की दूरी 161 किमी कम कर देगा।

मोटर मार्ग का निर्माण मुश्किल

सालभर बर्फ से ढके रहने वाले पैदल रास्ते पर सिपू से तोला तक मोटर मार्ग का निर्माण भी मुश्किल है। सिपु से तोला के मध्य लगभग 22 किमी लंबाई की सुरंग का निर्माण किए जाने से दारमा वैली और जोहार वैली एक दूसरे से जुड़ जाएंगे।

तीसरी सुरंग 30 किमी की होगी

पिथौरागढ़ के मिलम से चमोली के लप्थल तक का पैदल मार्ग भी वर्षभर बर्फ से ढका रहता है। इस भाग में भी सड़क मार्ग का निर्माण किया जाना मुश्किल है। मिलम से लप्थल तक 30 किमी टनल का निर्माण होने से पिथौरागढ़ की जोहार घाटी एवं चमोली का लप्थल सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी ने पीएम मोदी के सम्मुख भी उठाया मामला

हाल ही में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट के दौरान यह मामला उठाया था। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से भेजे गए इस प्रस्ताव का जिक्र करते हुए इस शीघ्र मंजूरी दिलाए जाने का अनुरोध किया था।

रंग मार्गों का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया-पंकज पांडेय

उत्तराखंड की सीमाएं अंतरराष्ट्रीय रूप से देश की सामरिक महत्व के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं। सीमाओं में सैनिकों एवं आम जनमानस के आवागमन का मुख्य साधन सड़क मार्ग ही हैं, लेकिन इस क्षेत्र में वर्षभर बर्फबारी के चलते सड़कों का निर्माण संभव नहीं है। इसको देखते हुए सुरंग मार्गों का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। – पंकज पांडेय, सचिव, लोनिवि, उत्तराखंड शासन

ये भी पढ़ें:- Uttarakhand Weather Today: उत्तराखंड में नहीं थम रहा बारिश का कहर, आज इन जिलों में भारी बारिश की आशंका, जानें अपने क्षेत्र का हाल

SHARE
Ritesh Mishra
Ritesh Mishra
रितेश मिश्रा ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत यूट्यूब चैनल द आरके न्यूज़(The Rk News) से बतौर रिपोर्टर की थी। फिलहाल, रितेश इंडिया न्यूज़ में बतौर कंटेंट राइटर पिछले 18 महीने से जुड़े हुए हैं।
RELATED ARTICLES

Most Popular