India News UP (इंडिया न्यूज़),Uttarakhand News: जल संस्थान लोहाघाट के द्वारा पेयजल समस्या को देखते हुए 7 साल पूर्व लोहाघाट नगर और रायकोट गांव के लिए बोरिंग पंपिंग योजना का निर्माण कार्य शुरू किया गया। लेकिन योजना का कार्य पूर्ण होने के बाद भी जनता को इसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण रायकोट कुंवर गांव के ग्रामीणों में जल संस्थान के खिलाफ काफी आक्रोश है। मंगलवार को रायकोट के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि प्रदीप कुमार ने बताया आरटीआई के जवाब में जल संस्थान के द्वारा 2021 में गांव को योजना से पेयजल देने का शासन दिया था। योजना को जल जीवन मिशन में रखा गया है लेकिन 7 साल होने के बाद भी ठेकेदार को जल संस्थान की मिली भगत से ग्रामीणों को आज तक पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाया है।
जल संस्थान के खिलाफ आंदोलन शुरू
ठेकेदार के द्वारा योजना की पाइपलाइन अधूरे में छोड़ दी गई है। कोर्ट ने कहा गांव में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है लेकिन विभाग कोई सजन नहीं ले रहा है। कोर्ट ने कहा अगर एक महीने के भीतर पेयजल योजना सुचारू नहीं की जाती है, तो रायकोट के सभी लोग जल संस्थान के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है और इंजन जंग खा रहे हैं।
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परियोजना का निर्माण रुका
जबकि जल संस्थान के इंजीनियर पवन बिष्ट ने कहा कि ठेकेदार के काम में घाटा होने के कारण परियोजना का निर्माण रुक गया है। काम रुका हुआ है। उन्होंने ठेकेदार को एक सप्ताह के अंदर पेयजल पाइपलाइन का निर्माण शुरू करने का निर्देश दिया। पानी का आधा हिस्सा लोहट कस्बे को जाता है और आधा पानी रायकोट कुँवर गाँव को जाता है।
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