इंडिया न्यूज: (The rain gave great relief) अल्मोड़ा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में जमकर बारिश होने के कारण जंगल में आग की घटनाओं में आश्चर्यजनक रूप से कमी आई है। झमाझम बारिश से मौसम सुहाना।
खबर में खास:-
- अल्मोड़ा के विभिन्न क्षेत्रों में जमकर मेघ बरसे
- वनाग्नि घटनाओं में 90% तक की कमी लाई जा सकती
- सीएम धामी ने शीतलाखेत मॉडल को अपनाने के निर्देश दिए
अल्मोड़ा के विभिन्न क्षेत्रों में जमकर मेघ बरसे
मौसम विभाग की जारी भारी बारिस की चेतावनी सटीक सबित हुई। अल्मोड़ा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में जमकर मेघ बरसे और आज लगातार वर्षा हो रही हैं। एक ओर जहां बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है, तो वहीं किसानो की खेती को भी फायदा मिलने आसार हैं। बता दें, इस बदलते मौसम से जंगलों में लग रही आग से राहत मिलेगी। भारी बारिस को लेकर जिला प्रशासन ने जनपद के सभी तहसीलों व आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट रहने निर्देश दिये गये है।
वनाग्नि घटनाओं में 90% तक की कमी लाई जा सकती
बता दें, अल्मोड़ा में जंगलों की आग एक बड़ी समस्या है। हर साल लाखों हेक्टेयर जंगल दावानल की भेंट चढ़ जाता है। वनों को आग से बचाने के लिए अल्मोड़ा में हर साल ओढ़ दिवस मनाने का फैसला लिया गया है। उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में जंगलों में आग लगने की घटनाओं से जल स्रोतों, जैवविविधता और पारिस्थितिकी तंत्र को अपूर्णनीय हानि हो रही है। जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने, बुझाने में जनता का सहयोग बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लगने के कारणों में ओण जलाने की परंपरा का मुख्य योगदान है। ओण जलाने की परंपरा को समयबद्ध और व्यवस्थित कर वनाग्नि घटनाओं में 90% तक की कमी लाई जा सकती है। जंगलों को आग से बचाने के लिए प्रदेशभर के लोगों से आगे आने का आह्वान किया।
सीएम धामी ने शीतलाखेत मॉडल को अपनाने के निर्देश दिए
बता दे कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जंगलों को आग से बचाने के लिए शीतलाखेत मॉडल की सराहना कर चुके है। इसके साध ही सीएम धामी ने पिछले साल एक बैठक में अफसरों को शीतलाखेत मॉडल को अपनाने के निर्देश भी दिए थे। जिसके चलते हर साल जंगलों में आग की बड़ी समस्या दूर हो।