(To save the Sanatan culture): Uttarakhand मातृशक्ति सशक्तिकरण (Matrushakti Empowerment) के तहत महिलाओं को एकजुट करने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई है।
- धार्मिक, संस्कृति और घरेलू संस्कारों के रूप में किया जागरूक
- सांस्कृतिक वेशभूषा और विचारधारा को बरकरार रखने की अपील की
- बढ़ती आयु के साथ विपरीत जा रही संस्कृति
धार्मिक, संस्कृति और घरेलू संस्कारों के रूप में किया जागरूक
उत्तराखंड के लक्सर में विश्व हिंदू महासंघ संगठन की प्रदेश संयोजक सविता पँवार के आवास पर महिलाओं को एकजुट कर मातृशक्ति सशक्तिकरण के तहत उन्हें एकजुट करने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई है।
इस दौरान मातृशक्ति के रूप में महिलाओं और बढ़ती आयु की छोटी बच्चियों को धार्मिक संस्कृति सहित उनके घरेलू संस्कारों के रूप में जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में महिलाओं को एक मंच पर एकजुट कर शिक्षा समेत रोजगार और आर्थिक क्षेत्र की प्रबल मजबूती के लिए भी अग्रसर रहने का मंत्र दिया गया।
सांस्कृतिक वेशभूषा और विचारधारा को बरकरार रखने की अपील की
इस दौरान विश्व हिंदू महासंघ के 42वें स्थापना दिवस के मौके पर संगठन की प्रदेश संयोजक सविता पँवार ने तमाम क्षेत्रीय महिलाओं को सामाजिक स्वतंत्रता और तरक्की की प्राप्ति के लिए अपनी सांस्कृतिक वेशभूषा और विचारधारा को बरकरार रखने की अपील की।
साथ ही साथ धार्मिक प्रवृत्ति से जुड़े तमाम हवन-यज्ञ और पूजा-पाठ से संबंधित विधि-विधान तथा सनातनीय कर्मकांड के बारे में भी बच्चों को जागरूक किया गया।
बढ़ती आयु के साथ विपरीत जा रही संस्कृति
दरअसल, खासकर युवा बच्चों में अपनी बढ़ती आयु के साथ संस्कृति के विपरीत जाकर सामाजिक रुप से चुनौती बनी कुरीतियों के खिलाफ मातृशक्ति सशक्तिकरण नामक विशेष अभियान की शुरुआत की गई है।
जिसमें लक्सर क्षेत्र की कई महिलाओं को एकत्रित कर उन्हें इस अभियान में अधिकांश महिलाओं को जोड़कर रफ्तार दिए जाने की बात कही गई है।