इंडिया न्यूज: (Bageshwar Roadways Depot runs on the basis of assurances) बागेश्वर परिवहन विभाग द्वारा बागेश्वर डिपो के लिये अल्मोड़ा, और पिथौरागढ डिपो से पुरानी, घिसी ,पिटी खट्टारा बसे उपलब्ध करायी जा रही है। जो लंबी रूट में चलने में सक्षम नही है। रोडवेज डिपो प्रभारी धीरज वर्मा का कहना है, कि अभी केवल लंबे रूट के लिये तीन बसे चलायी जा रही है।
उत्तराखंड परिवहन विभाग के माध्यम से 04 सितम्बर 2022 को 19 वे रोडवेज डिपो के रूप में अस्तित्व में आये बागेश्वर रोडवेज डिपो, कोरे आश्वसनों के सहारे चल रहा है। आलम यह है, कि परिवहन विभाग द्वारा बागेश्वर डिपो के लिये अल्मोड़ा, और पिथौरागढ डिपो से पुरानी, घिसी ,पिटी खट्टारा बसे उपलब्ध करायी गयी है। जो लंबी रूट में चलने में सक्षम नही है। बागेश्वर रोडवेज डिपो में कर्मचारियों का टोटा पडा़ है। जुगाड़ विधि से कर्मचारियों कि व्यवस्था अलग रोडवेज डिपो से कि जा रही है।
वहीं परिवहन मंत्री चन्दन राम दास के गृह जनपद बागेश्वर कि रोडवेज डिपो कि व्यवस्था वाकई सवालों में है, कि नया रोडवेज डिपो बनने के बाद भी एक भी नयी रोडवेज बस बागेश्वर डिपो के लिए उपलब्ध नही करायी गयी है। बागेश्वर रोडवेज डिपो प्रभारी धीरज वर्मा का कहना है, कि अभी केवल लंबे रूट के लिये तीन बसे चलायी जा रही है। जिसमें बागेश्वर से बरेली, बागेश्वर से दिल्ली, व धरमधर से दिल्ली शामिल है। अल्मोड़ा, और पिथोरागढ रोडवेज डिपो से 10 पुरानी बसे मंगाई जा रही है। परिवहन मंत्री चन्दन राम दास द्वारा आश्वासन दिया गया था, कि नयी बसे बागेश्वर डिपो को उपलब्ध कराई जायेगी। अभी तक नयी बसे बागेश्वर नही पहुँच पायी है। पुरानी बसों को तकनीकि दिक्कत ज्यादा आ रही है।
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