उत्तराखंड राज्य के अंदर चारधाम यात्रा को देखते हुए प्रशासन के तरफ से तैयारियां चल रही है। वहीं श्रद्धालुओं की यात्रा सुविधाजनक हो उसके लिए दिशानिर्देश लागू होने लगे है। इसके लिए टोकन सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है। यानी अब मंदिर के अंदर प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को टोकन लेना पड़ेगा। सरकारी योजना के मुताबिक टोकन सिस्टम श्रद्धालुओं को होने वाली लंबी लाइन से बचाने में काफी सहयोग करेगा।
वहीं पिछले वर्ष का रिकॉर्ड है कि 16 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ का दर्शन- पूजन किया था। सावन और भाद्रपद के दौरान श्रद्धालुओं को बिगड़े मौसम का सामना भी करना पड़ा था। इसके बावजूद भी यात्री कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे थे। कभी कभी तो ऐसा होता था कि पूरे दिन लाइन में खड़े होने के बावजूद भी श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन नहीं हो पाते थे। उनकी इसी तरह की दिक्कत को देखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने टोकन सिस्टम तैयार कर दिया है।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि चारों धाम में टोकन व्यवस्था के जरिए यात्रा को सफल बनाया जाएगा। यह वेवस्था चार घंटे के लिए वैध रहेंगे और एक-एक घंटे के अंतर पर चालु किए जाएंगे। इस वर्ष चारधाम यात्रा की शुरुआत 22 अप्रैल से होगी। हर वर्ष अप्रैल-महीने में ही यात्रा की शुरुआत होती है अक्टूबर-नवंबर आते-आते तक धाम के कपाट शीतकाल में बंद कर दिए जाते हैं।