India News (इंडिया न्यूज़), Mo. Imran, Sitarganj : पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत हसन हुसैन की याद में सितारगंज क्षेत्र के आसपास के मुस्लिम समाज के लोगों ने बड़ी अकीदत और गमगीन माहौल के साथ शहर में चेहल्लुम निकाले। साथ ही चेहल्लुम निकालने के दौरान पूरे शहर में हसन हुसैन या हुसैन की सदाए गूंजती रही।
सैयद सिराज अहमद उर्फ मुन्ने मियां मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा कि मैदान-ए-कर्बला में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 71 अनुयायियों को शहीद कर दिया गया था। वहीं मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा इमाम हुसैन की याद में मोहर्रम निकालने के 40 दिन बाद चेहल्लुम निकाले जाते हैं। साथ ही मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में भूखों को खाना खिलाया जाता है और प्यासो को पानी पिलाया जाता है।
सुबह से ही बारिश होने के चलते शाम को जाकर करीब पांच बजे ताजियों का काफिला नगर से भिटौरा गांव स्थित करबला के लिए निकला। इस दौरान हर जगह पुलिस बल तैनात रहा। करबला में ताजिये दफनाकर दुरूद फातिहा कराई गई। वहीं बघौरी गांव के लोगों ने भी बिज्टी चौराहा से लेकर मुख्य चौराहा, अमरिया चौराहा और भिटोरा गांव तक ताजिये निकाले। एसडीएम तुषार सैनी, एसएसआई हरविंदर कुमार, कोतवाली प्रभारी भूपेंद्र बृजवाल ने ताजिये निकलने के दौरान गश्त देर रात तक सक्रिय रही।
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