होम / Forest Department: जंगलों की सुरक्षा मजबूत करने में जुटा वन विभाग, मासून सीजन में बढ़ जाता है जानवरों पर हमले का खतरा

Forest Department: जंगलों की सुरक्षा मजबूत करने में जुटा वन विभाग, मासून सीजन में बढ़ जाता है जानवरों पर हमले का खतरा

• LAST UPDATED : June 12, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Forest Department: मानसून सीजन से पहले वन विभाग जंगलों की सुरक्षा और मजबूत करने में जुट गया है। खासकर तराई पूर्वी वन प्रभाग जो कि नेपाल और उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है। जहां मानसून सीजन में अक्सर वन्यजीव तस्करों के जंगली जानवरों पर हमले का खतरा बढ़ जाता है। इसी लिहाज से वन विभाग ने अपने सभी 25 बैरियरों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना शुरू कर दी है। डीएफओ संदीप कुमार का कहना है कि वन विभाग संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के साथ ही अपने बैरियरों को और मजबूत कर कर रहा है साथ ही टीम को भी 24 घण्टे अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अब तक 13 बाघों की मौत

बताते चलें कि कुमाऊं का रीजन के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अब तक 13 बाघों की मौत हो चुकी है। वैसे पिछले दिनों कॉर्बेट नेशनल पार्क एक बाघ शिकारियों के लगाए फंदे में फंसने से गंभीर रूप से घायल हो गई थी। जिससे बाघों की लगातार हो रही मौत ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में शिकारियों की सक्रियता का शक भी बढ़ा दिया है। हालांकि प्रदेश के वन मंत्री का कहना है कि इस मामले में जांच सौंप दी गई है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

जबकि वन मंत्री ने शिकारी के हाथों बाघों की मौत की थ्योरी को नकार दिया है। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ डॉक्टर समीर सिन्हा ने इन बातों से इनकार किया है कि कुमाऊं में बाघों की हो रही मौत के पीछे शिकारियों का हाथ है। डॉक्टर समीर सिन्हा कहते हैं कि जिन बाघों की बॉडी जंगलों में मिली है उनके शरीर के सभी अंग सुरक्षित है जिससे यह साफ है कि बाघों की हो रही मौत के पीछे शिकारी वजह नही है।

कॉर्बेट नेशनल पार्क से बाघों की मौत ने सरकार व अधिकारियों की उड़ी नींद

2018 में प्रदेश में हुई बाघों की गणना में उत्तराखंड के वन विभाग के अधिकारियों को खुश होने का मौका मिला था, लेकिन हाल ही में कॉर्बेट नेशनल पार्क से बाघों की मौत ने सरकार व अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। आनन-फानन में कुमाऊं रीजन के मुख्य वन संरक्षक को इन सभी मौतों पर जांच करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ डॉक्टर समीर सिन्हा का कहना है कि जिन विभागों की बॉडी बरामद की गई है। उन सभी बाघों की उम्र 8 से 10 साल है। जो बाघों की संख्या का बड़ा हिस्सा है। ऐसे में विभाग की प्राथमिकता है कि इस बात का पता लगाया जाए कि आखिर ये मौतें हुई कैसे।

ये भी पढ़ें:- Kedarnath Avalanche: केदारघाटी के चोराबाड़ी क्षेत्र में फिर हुआ हिमस्खलन, 1 सफ्ताह में ये दूसरी घटना

 

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox