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Joshimath News: सरकार ने जोशीमठ को दिया बड़ा तोहफा, पुनर्विकास के लिए 1800 करोड़ मंजूर

• LAST UPDATED : September 20, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Joshimath News: काफी समय से भू-धंसाव का दंश झेल रहा जोशीमठ शहर अब 1800 करोड़ रुपये की लागत से संवरने जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की हालिया बैठक में राज्य की ओर से जोशीमठ के उपचार व विनिर्माण को दृष्टिगत रखे गए प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है।

1464 करोड़ केंद्र व 336 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार देगी

बैठक में शामिल हुए आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत 1464 करोड़ रुपये की धनराशि केंद्र देगा, जबकि 336 करोड़ रुपये की राशि प्रदेश सरकार देगी। जोशीमठ के स्थिरीकरण व आपदा प्रभावितों के पुनर्वास समेत अन्य कार्यों पर यह धनराशि खर्च होगी।

शहर के अस्तित्व पर आ खड़ा हुआ खतरा

बदरीनाथ धाम की यात्रा के मुख्य पड़ाव जोशीमठ शहर का धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामरिक महत्व भी है। इसी साल की शुरुआत में जोशीमठ के एक बड़े हिस्से में भूमि व घरों में दरारें पड़ने का क्रम अचानक तेज होने से शहर के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा हो गया था। इसके बाद सरकार की ओर से राहत एवं बचाव के लिए तत्काल कदम उठाए गए थे। साथ ही जोशीमठ में भू-धंसाव के कारणों की जांच को तमाम केंद्रीय एजेंसियां जुटीं रहीं।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने प्रोजेक्ट को किया प्रस्तुत

एजेंसियों की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जोशीमठ के विनिर्माण, आपदा प्रभावितों के पुनर्वास, ड्रेनेज व सीवेज प्लान समेत अन्य कई कार्यों के लिए राज्य को प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा गया था। इस प्रोजेक्ट के बनने के बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की दिल्ली में हुई बैठक में जोशीमठ को लेकर राज्य की ओर से सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने 1800 करोड़ रुपये की लागत के प्रोजेक्ट के संबंध में प्रस्तुति दी। जोशीमठ की स्थिति और उसके महत्व को देखते हुए गृह मंत्रालय ने इसे सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी। अब जल्द ही इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार 1464 करोड़ रुपये की धनराशि राज्य को देगी।

जोशीमठ में ये होंगे कार्य

-आपदा प्रभावितों का पुनर्वास
-आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थिरीकरण
-पुनर्वास को चयनित स्थलों पर भूमि विकास
-नदी से हो रहे कटाव की रोकथाम
-शहर का पुख्ता ड्रेनेज व सीवेज प्लान
-शहर के नालों की लाइनिंग
-सड़कों के स्थिरीकरण को उपाय

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