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Ayurgyan Summit: राज्यपाल ने किया आयुर्ज्ञान सम्मेलन का शुभारंभ, बोले- उत्तराखंड का प्रत्येक नागरिक आयुर्वेद का ब्रांड एंबेसडर

• LAST UPDATED : September 22, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Ayurgyan Summit: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि राजभवन में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग और आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित “आयुर्ज्ञान सम्मेलन” में प्रतिभाग कर सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया। इस सम्मेलन में विषय विशेषज्ञों ने आयुष सम्बन्धी संसाधन एवं संभावनाओं पर विचार विमर्श किया। इस अवसर पर Acharya Bal Krishna जी भी मौजूद रहे।

कोविड-19 महामारी के बाद पूरी दुनिया ने आयुर्वेद और योग को समझा

आयुर्वेद हमारे प्राचीन ऋषि मुनियों की दी हुई एक अनमोल धरोहर है, जो मानवता के कल्याण और स्वस्थ्य, सुखी और निरोगी जीवनचर्या का आधार है। योग और आयुर्वेद हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखता। आयुर्वेेेद पूरी मानवता के लिए एक बड़ा वरदान है। कोविड-19 महामारी के बाद पूरी दुनिया आयुर्वेद, योग और मर्म के महत्व को समझ गए हैं।

प्राचीन काल से ही उत्तराखण्ड की इस पावन धरती पर, हिमालय के दिव्य आंचल में ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्मिक चेतना का विस्तार होता चला जा रहा है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम योग आयुर्वेद को हर एक व्यक्ति तक पहुंचाए और उन्हें इससे होने वाले लाभ के बारे में बताएं।

स्मारिका का विमोचन किया

मुख्य अतिथि राज्यपाल गुरमीत सिंह तथा विशिष्ट अतिथि पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्ज्ञान सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया। वहीं अतिथियों ने आयुष दवाओं के निर्माण क्षेत्र में कार्य करने वाली कंपनियों के लगे स्टॉल का भी निरीक्षण किया। वहीं राज्यपाल ने इन उत्पादों की सराहना की।

प्राचीन काल से ही इस धरती में ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्मिक चेतना का विस्तार हो रहा है। आयुष सचिव डॉ. पंकज पांडेय ने कहा कि इस सम्मेलन के आयोजन का मुख्य मकसद आयुर्वेद और ऐलोपैथी के बीच समन्वय बनाने का प्रयास है।

आयुर्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा परंपरा

पतंजलि सीईओ आचार्य बालकृष्ण आयुर्ज्ञान सम्मेलन में उत्तराखंड के महामहिम गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जी (रिटायर्ड) व माननीया प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर जी, महामहिम गवर्नर के सचिव, विभिन्न संस्थानों के निदेशक एवं विद्वानों के साथ सहभागी होने का अवसर मिला। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में महामहिम गवर्नर जी ने कहा कि आयुर्वेद से उत्तराखंड व हमारी पहचान है।

उस आयुर्वेद को विश्वव्यापी बनाना हम सबका दायित्व है व उत्तराखंड को आयुषप्रदेश बनाने के लिए पतंजलि जो कार्य कर रहा है। वह बाकी सबके लिए भी प्रेरणा व उदाहरण का स्रोत है। महामहिम गवर्नर साहब के उद्बोधन से हमें ऊर्जा व प्रेरणा मिली और पतंजलि, आयुर्वेद व योग के लिए श्रद्धेय स्वामी जी के नेतृत्व में किसी भी प्रकार की कोई न्यून्यता नहीं छोड़ेगा, यह हमारा संकल्प है। इस अवसर पर श्री रविनाथ रमन जी सचिव माननीय गवर्नर जी, डॉ पंकज कुमार पांडे जी आयुष सचिव, श्री अरुण कुमार त्रिपाठी वीसी उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, श्री विजय जोगदंडे जी आयुष अपर सचिव व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

यह लोग रहे सम्मेलन में मौजूद

सम्मेलन में प्रथम महिला- गुरमीत कौर, सचिव- रविनाथ रामन, अपर सचिव- आयुष विजय जोगदंडे, प्रो. बालकृष्ण, संजीव पांडेय, डॉ. मिथलेश कुमार, डॉ. राजीव कुरेले, डॉ. नंदकिशोर दाधीच आदि मौजूद रहे।

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