Joshimath: जोशीमठ में भू-धंसाव के वजह से हालात बहुत ख़राब हो रही है। बुधवार को वैज्ञानिकों को ठहरे ने लिए बनाई गई जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में भी दरारें आ गई। जिससे बाद लोगो में हडकंप मच गया। आज (19 जनवरी ) दिन गुरुवार को सरकार के आदेश पर जेसीबी की मदद से लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है।
इस आपदा से प्रभावित लोगो को राहत शिविर में रखा जा रहा है। जोशीमठ के संस्कृत महाविद्यालय भवनों में भी दरारें आने लगी है। हलाकि, स्थानीय लोगो ने इन दरारों को पुराना बताया है। जीएमवीएन गेस्ट हाउस को तोड़ने के बाद पास के होटलों को तोडा जायेगा। इसी बीच बुधवार को आठ आवसीय भवन के गिर जाने की वजह से आठ और परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया गया।
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जोशीमठ में भू-धंसाव बढ़ता जा रहा है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार शहर के 850 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। वही, कॉमेट और स्नो क्रेस्ट होटलों में भी दरारें आनी शुरू हो गई है। दरारों की वजह से दोनों होटल आपस में मिलने लगे हैं।
जोशीमठ के तहसील भवनों के कुछ हिस्से में भी भू-धंसाव होना शुरू हो गया है। जोशीमठ में जांच के लिए आये वैज्ञानिक गांधी मैदान के पास जीएमवीएन के वीआईपी गेस्ट हाउस में ही रहते थे। बुधवार की सुबह जीएमवीएन भवन में भी दरार दिखने लगी। जिसकी सूचना कर्मचारियों ने चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी को दी।
कुछ दिन पहले गेस्ट हाउस के प्रथम तल के पांच कमरों की दीवार में हल्की दरारें देखने को मिली थी। इसके बाद निचले तल में कुछ जगह पर टाइल्स भी उखड़ने लगा था। इस लिहाज से गेस्ट हाउस के करीब पांच डीलक्स कमरे सुरक्षित नहीं है। शहर में थाने के पीछे वाले भवनों में भी दरारें आनी शुरू हो गई है। एक पुलिस कर्मी ने बताया कि दो दिन में यहां दरारें बहुत बढ़ी गई है साथ ही थाने के पीछे एक बड़ा गड्ढा बन गया है।