Joshimath Subsidence : जोशीमठ में राहत और बचाव कार्य का काम काफी तेजी से चल रहा है। प्रभावितो इलाकों में हुए नुकसान की जांच की जा रही है। इस बीच चमोली के जिलाधिकारी का कहना है कि अभी तक प्रभावित इलाके में भू-धंसाव के कारण 863 घरों में दरारें आईं है। इन प्रभावित घरों में 181 इमारतों को असुरक्षित घोषित किया जा चुका है।
वही जोशीमठ के प्रभावित लोगो चर्चा कर उन्हें दूसरे स्थान पर विस्थापित किया जाएगा। डीएम ने बताया है कि जिला प्रशासन द्वारा अब तक 863 भवनों की पहचान की जा चुकी है, जहां भू-धंसाव के कारण दरारें पाई गई हैं। इसमें से 181 भवनों को असुरक्षित जोन में रखा गया है।
Joshimath, Uttarakhand | DM Himanshu Khurana conducted an on-the-spot inspection of the land identified in village Dhaka regarding the displacement of Joshimath disaster-affected people pic.twitter.com/auVE7ILi5I
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 22, 2023
लोगों को प्रभावित इलाकों से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है। इसी के साथ जो लोग पूरी तरीके प्रभावित है उन्हें कहा विस्थापित किया जाए इसपर सरकार विचार कर रही है। जिला प्रशासन की माने तो लोगों से राय लेने के बाद इस बात पर निर्यण ले राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जिलाधिकारी इस वक्त ढाका गांद का निरीक्षण कर रहें है जहां लोगों के पुनर्वास की चर्चा की जा रही है।
जिलाधिकारी का कहना ने आज ग्राम ढाका का दौरा किया जहां सरकार प्रभावित लोगो को विस्थापित करने का प्लान बना रही है। ऐसे में आज उन्होंने इस गांव का भ्रमण भी किया। डीएम हिमांशु खुराना ने जोशीमठ आपदा प्रभावित लोगों के विस्थापन को लेकर ग्राम ढाका में चिन्हित भूमि का मौके पर निरीक्षण किया। उन्होंने आरडब्ल्यूडी को ढाका में जमीन का कंटूर नक्शा जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। प्रभावित लोगों से सुझाव लेकर सीबीआरआई द्वारा विस्थापन की विस्तृत योजना तैयार की जाएगी।
जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण प्रभावित घरों में दरारें आईं है। कई इमारतें ऐसी भी चिन्हित हैं जो पूरी तरीके से असुरक्षित हैं। जो इमारतें पूरी तरीके से असुरक्षित हैं उनको तोड़ने का काम शुरु कर दिया गया है। ऐसा सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है।
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