India News(इंडिया न्यूज़), Land Jihad In Uttarakhand: उत्तराखंड में अवैध कब्जे पर धामी सरकार लगातार एक्सन में है। लैंड जिहाद के मुद्दे पर सरकार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। अब धामी सरकार एक-एक इंच जमीन का हिसाब लेने के लिए तैयार है। इसके लिए पहली बार आधुनिक तकनीक का सहार लेते हुए उत्तराखंड की संपूर्ण भूमि का सर्वेक्षण किया जाएगा। उसके बाद पूरे प्रदेश में जीआईएस से नक्शा तैयार किया जाएगा।
धामी सरकार ने इसके लिए 150 करोड़ रूपये का बजट की व्यवस्था की है। उत्तराखँड राजस्व के नाम के लिए नोडल एजेंसी बनाया है। सराकर ये कोशिश कर रही थी की इसके जरिए सरकार संपूर्ण भूमि का डाटा इकट्ठा कर लिया जाए, लेकिन बेहद कोशिशों के बाद भी ये संभव नही हो पा रहा था।
उत्तराखंड का अधिकांश भूभाग 9 जिले पहाड़ी होने के कारण तमाम जमीनें गोल खातों के विवाद में उलझी हैं। सरकार कई विकास यजनाओं में भूमी उपलब्ध ना हो पाने के कारण शुरू नहीं करा पा रही है। वहीं कई विभागों के पास खुद की उपलब्ध भूमी का रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। सरकार कई विकास योजनाओं को भूमि की अनुपलब्धता के कारण शुरू नहीं कर पा रही है। वहीं, कई विभागों के पास अपनी ही उपलब्ध भूमि का रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इन दिनों अतिक्रमण हटाने का कार्य जोरो शोरो से चल रहा है। बता दें, जिला प्रशासन की टीम राजधानी में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कर रही है। जिसको लेकर प्रशासन की 5 टीमें अलग अलग क्षेत्रों में रोजाना अवैध कब्जों को हटाने की कार्य कर रही है। इसके साथ ही प्रशासन ने अब तक 37 से ज्यादा अतिक्रमण को हटाकर नगर निगम ने कुल 78 चालान काटे हैं।
जिसमे लगभग 89 हज़ार 200 रुपए का जुर्माना भी वसूला है। जबकि पुलिस टीम ने भी 42 चालान करते हुए 21000 रूपये का जुर्माना और परिवहन विभाग ने 117 चालान करते हुए लगभग 3 लाख 60 हज़ार 400 रूपये का जुर्माना वसूला है।
जिलाधिकारी देहरादून डॉ सोनिका ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की नियमित प्रक्रिया चल रही है और अतिक्रमण हटाने के लिए लोगों से भी अपील की जा रही है। शहर को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए जो अभियान चल रहा है उसमें लोगों का सहयोग करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अपील के बाद भी अतिक्रमण होते हैं तो कार्यवाही भी की जा रही है।
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