देहरादून: जोशीमठ में हो रहे भू-स्खलन के कारण लोगों को वहां से दूसरी जगहों पर विस्थापित किया जा रहा है. वही जो इमारतें इससे ज्यादा प्रभावित हैं उनको तोड़ने का भी काम किया जा रहा है. इसको लेकर घरों को चिन्हित किया गया है इसमे कई घर, इमारतें और होटल शामिल हैं. इसी कड़ी में जोशीमठ में स्थित होटल मलारी इन को गिराने के लिए आज बुलडोजर पहुंचा लेकिन इमारत गिराई ना जा सकी.
Joshimath, Uttarakhand | The demolition of Hotel Malari Inn which has been declared 'unsafe' stopped due to protest by locals
I am not protesting against the demolition of the hotel building but I'm demanding fair compensation from the government: Thakur Singh Rana, hotel owner pic.twitter.com/C6F9n834SA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 10, 2023
दरअसल होटल मालिक का कहना है ये जनहित में है तो इसे गिरा दिया जाना चाहिए लेकिन इससे पहले इसका आकलन किया जाना चाहिए. जैसे ही होटल को गिराने की कर्रवाई की जाने लगी वहां के लोकल लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है कि इस होटल को गिराने से पहले इसमें होने वाले नुकसान का आकलन किया जाए.
लोगों में आक्रोश
वहां पर रहने वालें लोगों में इस फैसले को लेकर जबदरस्त आक्रोश है. जैसे ही प्रशासन वहां गया लोगों ने भारी विरोध किया. लोगो के विरोध को देखकर प्रशासन पीछे हट गया. वही होटल को गिराने का काम रोका गया. होटल मालिक ने बताया कि मैं होटल की इमारत तोड़े जाने का विरोध नहीं कर रहा हूं, बल्कि सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहा हूं.
होटल मलारी इन के मालिक ने धरना देते हुए कहा कि “मैं मांग कर रहा हूं कि बद्रीनाथ में विकास परियोजनाओं के दौरान दिए गए मुआवज़े की तरह मुझे भी दिया जाए. राज्य सरकार बिल्कुल सहयोग नहीं कर रही है। मैं यहां तब तक बैठा रहूंगा जब तक मैं मर नहीं जाता”.
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