India News (इंडिया न्यूज़), Love Jihad: उत्तराखंड में एक के बाद एक सामने आ रहे लव जिहाद के मामलों ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी है। दरअसल पिछले 1 महीने के दौरान उत्तराखंड के शांत माहौल में लव जिहाद नाम का जहर तेजी से खुल रहा है। अब तक 1 दर्जन से ज्यादा मामले पूरे उत्तराखंड में दर्ज किए गए हैं। जबकि अभी भी इन मामलों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। राज्य सरकार इन मामलों को लेकर गंभीर है और मुख्यमंत्री डीजीपी उत्तराखंड को इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दे चुके हैं।
उत्तराखंड की शांत हवाओं को शायद किसी की नजर लग गई है क्योंकि इन दिनों पूरे देश में लव जिहाद के नाम पर जो बहस छड़ी हुई थी। उसने उत्तराखंड की शांत वादियों में भी अपनी जगह बना ली है। पिछले 1 महीने के दौरान एक दर्जन से ज्यादा लव जिहाद के मामले उत्तराखंड में सामने आए हैं। 1 सप्ताह पहले उत्तरकाशी के पुरोला में विशेष समुदाय के दो युवक एक स्थानीय नाबालिग युवती को बहला-फुसलाकर भगाने की कोशिश कर रहे थे।
जिसके खुलासे के बाद उत्तरकाशी में घटना के विरोध में बाजारों को बंद रखा गया और लोग सड़कों पर उतरे। इस घटना को अभी एक हफ्ता हुआ था कि हरिद्वार और चमोली में भी लव जिहाद के दो अलग-अलग मामले सामने आए एक के बाद एक लव जिहाद के मामलों में हो रही बढ़ोतरी से राज्य सरकार भी सकते में हैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन मामलों पर राज्य के डीजीपी अशोक कुमार से बात की है और सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
लव जिहाद के मामलों पर राज्य सरकार की सख्ती के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ कर दिया है, कि इस तरह के मामलों को अनदेखा नहीं किया जाएगा और जो भी इन मामलों के पीछे आरोपी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि लव जिहाद के मामलों के पीछे एक बड़ी वजह बाहर से लोगों का पहाड़ी क्षेत्रों में बिना सत्यापन के बस जाना भी है। जिसके लिए लोगों का सत्यापन भी शुरू किया जा रहा है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ वी मुरुगेशन का कहना है कि सभी जिलों के एसएसपी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं और लव जेहाद जैसे किसी भी संवेदनशील मामले में निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं लव जिहाद के बढ़ रहे मामलों और सत्यापन अभियान को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस के प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पिछले 6 सालों से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी इसके बावजूद सरकार अब डेमोग्राफी की बात कर रही है जबकि पिछले 6 सालों से सभी सिक्योरिटी एजेंसियां सरकार के अधीन काम कर रही है बावजूद इसके पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है जबकि जिन मामलों में पुलिस की कार्यवाही की जा रही है उन्हें केवल विशेष समुदाय के लोगों को ही टारगेट किया जा रहा है।