देहरादून: चमोली के जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव पर सरकार लगातार नज़र रख रही है. जोशीमठ के तमाम हिस्सों से लोगों को विस्थापित किया जा रहा है. वही स्थिति की जानकारी लेने प्रदेश के रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट जोशीमठ पहुंचे और प्रभावितों से बात की. मंत्री ने वहां के लोगों से बात भी की.
#Joshimath Uttarakhand | People have built their homes from hard-earned money but now they have to leave them. Our priority is to keep everybody safe. PM is constantly monitoring the situation. Officials deployed, Army alerted.Cattle shelter to be made too: MoS Defense Ajay Bhatt pic.twitter.com/8zVCufQBmG
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 10, 2023
रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि “लोगों ने मेहनत की कमाई से घर बनाया है, लेकिन अब उन्हें छोड़ना पड़ रहा है, हमारी प्राथमिकता सभी को सुरक्षित रखना है. पीएम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. अधिकारियों को तैनात किया गया है, सेना अलर्ट मोड पर है. वही उन्होंने पशुओं को लेकर कहा कि उनके लिए भी आश्रय बनाया जाएगा”
जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव के कारण कई मकानो में दरारे आ गईं है. सड़कें भी फट रहीं हैं. जिन मकानो और इमारतों में दरारे आईं है उनको तोड़ने का काम किया जा रहा है. लोगों को सुरक्षित जगहों पर विस्थापित किया जा रहा है. ताजा मिली जानकारी के अनुसार जोशीमठ की 678 मकानो को असुरक्षित कहा जा रहा है और उनमे रह रहे परिवारों को दूसरे जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है.
#Joshimath | As of now, 678 buildings marked unsafe. Many vacated & the process is still underway. 8 teams of SDRF, 1 NDRF, 1 extra company of PAC & police officials present there. If needed some areas will be sealed. A scientific study of the area is being done: Uttarakhand DGP pic.twitter.com/w1Il1XFIjD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 10, 2023
उत्तराखंड के डीजीपी ने बताया कि “अब तक, 678 इमारतों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है. कई खाली हो गए और प्रक्रिया अभी भी चल रही है. एसडीआरएफ की 8 टीमें, एनडीआरएफ की 1, पीएसी की 1 अतिरिक्त कंपनी और पुलिस अधिकारी वहां मौजूद हैं. जरूरत पड़ी तो कुछ इलाकों को सील भी किया जाएगा. पूरे क्षेत्र का एक वैज्ञानिक अध्ययन किया जा रहा है.”
जोशीमठ में अचानक और लगातार हो रहे भू-धसाव को लेकर वैज्ञानिक अध्ययन चल रहा है. ऐसा क्यों हो रहा है इसकी जानकारी जुटाने में तमाम विषेशज्ञ लगें हैं. हालांकि इस बीच जिन घरों, होटलों में दरारे आईं है उनको चिन्हिंत कर तोड़ने का काम किया जा रहा है. जिन घरों को तोड़ा जा रहा है उसे छोड़ने से पहले लोग भावुक हो रहें हैं. विस्थापन के लिए जा रहे लोगों ने बताया कि उन्होंने इन घरों को मेहनत की कमाई के साथ बनाया है लेकिन आज उसे छोड़ना पर रहा है.
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