इंडिया न्यूज: (Government is running a campaign to increase the number of students) 11 अप्रैल को मसूरी अटल उत्कृष्ट घनानंद राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवेश उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर उत्तराखंड शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव जेएन शर्मा द्वारा बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
उत्तराखंड में सरकारी विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाए जाने को लेकर 11 अप्रैल को पूरे प्रदेश भर में प्रवेश उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इसी को लेकर मसूरी अटल उत्कृष्ट घनानंद राजकीय इंटर कॉलेज में प्रवेश उत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर उत्तराखंड शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव जेएन शर्मा द्वारा बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की गई। वह भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल और सभासद अरविंद सेमवाल भी मौजूद रहे। इस मौके पर प्रधानाचार्य रवि उनियाल और शिक्षकों ने मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों का पुष्प माला पहनाकर उनका स्वागत किया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जिसमें सभी मौजूद श्रोताओं के मन को मोह लिया।
उत्तराखंड शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव जेएन शर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा प्रवेश उत्सव मनाए जाने को लेकर सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बड़े क्योकि निजी स्कूलों की तुलना में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या साल दर साल घटती जा रही है। जिसको देखते हुए सरकार द्वारा सभी सरकारी स्कूलों में प्रवेष उत्सव मनाये जाने का निर्णय लिया गया। स्कूल के प्राचार्य रवि उनियाल ने कहा कि विद्यालयों में 1 अप्रैल से शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है।
ऐसे में अधिक से अधिक संख्या में छात्रों का नामांकन कराने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं शिक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर अभिभावकों को स्कूल में बच्चों को भेजने के लिए प्रेरित कर प्रवेश करा रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बेहतर किए जाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है और जल्द कई सरकारी स्कूल में स्वरूप में नजर आएंगे।
मसूरी भाजपा नेता मोहन पेटवाल ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा दिए जाने को लेकर काम किया जा रहा है। जिसको लेकर हाल में कई विद्यालयों को अटल आदर्श विद्यालय बनाकर सीबीएसई(CBSE) बोर्ड से पैनल किया गया है। उन्होंने कहा कि कई मध्यम वर्ग के लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाने में असमर्थ है जिसको लेकर सरकार द्वारा कई सरकारी स्कूलों को सीबीएसई वोट से एफिलिएटिड कराया गया है।