India News (इंडिया न्यूज़),Mussoorie News: मसूरी में अखिल भारतीय मजदूर परिषद संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अजय सौदा बन्नू का मसूरी पहुंचने पर संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णा गोदियाल और कार्यकर्ताओं नें शॉल और फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अजय सौदा बन्नू द्वारा स्वच्छता कर्मचारियों की समस्याओं को जाना वह जल्द समस्याओं का निराकरण किया जाने को लेकर आष्वासन दिया गया। वहीं उन्होंने कहा कि मसूरी नगर पालिका के अध्यक्ष अनुज गुप्ता लगातार स्वच्छता कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं जिनको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जल्द कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी जाएगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा सभी स्वच्छता कर्मचारी से ठेके प्रथा के माध्यम से काम कराया जा रहा है जिससे स्वच्छता कर्मचारियों को उनके अधिकार नही मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को ईपीएफ और इएसआई की सुविधा उपलब्ध नहीं मिल पा रही है। वहीं सरकार द्वारा स्वच्छता कर्मचारियों को लेकर ठेकेदार द्वारा दी जा रही छूट और सुविधाएं का लाभ भी कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। उन्होने कहा कि ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया जा रहा है। जो बर्दाष्त नही किया जायेगा।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि ठेके प्रथा को प्रदेश से समाप्त किया जाए और जिन ठेकेदारों द्वारा कर्मचारियों का उत्पीड़न कर नियम अनुसार वेतन और दी जाने वाली सुविधा नहीं दी गई है उनपर भी कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि मसूरी नगर पालिका में भी आए दिन भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता भी स्वच्छता कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा डेली वेजेस कर्मचारियों क मानदेय ₹500 प्रतिदिन दिए जाने का शासन आदेश जारी किया गया है परंतु पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी द्वारा इसको लागू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2003 में बनी मोहल्ला स्वच्छता समितियां को भी ठेका प्रथा में डाल दी गया है, जो गलत है। जिसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता द्वारा ठेके पर दे दिया गया। क्योंकि ठेकेदार द्वारा पालिका अध्यक्ष को मोटी रकम दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता कर्मचारियों की समस्या को लेकर संगठन का प्रतिनिधि विधानसभा जाएंगे और मुख्यमंत्री के सामने सभी समस्याओं को रखकर निराकरण किये जाने की मांग की जायेगी। और अगर तय समय पर मांग पूरी नहीं होती है तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।