India News (इंडिया न्यूज़), ‘The Rink’ Mussoorie: रविवार को मसूरी में ‘साइडस रिंक- ए हेरिटेज होटल’ (‘द रिंक’) में लगी आग ने बता दिया किया कि वाटर हाइड्रेंट का होना कितना जरूरी है। दमकल जब आग बुझाने के लिए मशक्कत कर रही थी, तब 1 वाटर हाइड्रेंट ने इसे विकराल होने से रोका था।
बता दें कि दमकल गाड़ियों ने इसी वाटर हाइड्रेंट से पानी लेकर इस विकराल आग पर काबू पाया था। लेकिन, सरकारी तंत्र की इतनी खस्ता हालत है कि पूरे मसूरी में सिर्फ 14 हाइड्रेंट हैं। उसमें से भी केवल 10 ही चालू स्थिति में हैं, बाकी के 4 खराब पड़े हैं।
जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत का कहना है कि हाल ही में यमुना पेयजल योजना के तहत मालरोड पर पेयजल निगम की ओर से पानी की लाइन बिछाई गई लेकिन उसमें वाटर हाइड्रेंट नहीं छोड़े गए।
मसूरी की ऐतिहासिक धरोहर मानें जाने वाला ‘साइडस रिंक- ए हेरिटेज होटल’ में लगी इस आग से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। मसूरी में हर वर्ष 25 लाख से अधिक पर्यटक हिल आते हैं। जिनके ठहरने के लिए मसूरी में 350 से अधिक होटल, लॉज और गेस्ट हाउस हैं। जो अधिकतर समय तो भरे रहते हैं, विशेष तौर पर नववर्ष और गर्मी के मौसम में। फिर भी अधिकांश होटल व गेस्ट हाउस में अग्नि सुरक्षा के मानकों का सही ढंग से पालन नहीं किया जा रहा।
ज्यादातर होटल गांधी चौक से करीब डेढ़ किमी. की दूरी पर स्थित कुलड़ी और आसपास क्षेत्र में हैं, जो काफी घना व संकरा है। उस पर होटलों के आसपास 24 घंटे वाहन खड़े रहते हैं। ऐसे में मदद भी समय पर नहीं पहुंच पाती। रविवार को हुई घटना में इसी वजह से दमकल के वाहनों को द रिंक तक पहुंचने में काफी वक्त लग गया।
मसूरी के उप-जिलाधिकारी नंदन कुमार के मुताबिक- वाटर हाइड्रेंट को ठीक रखने के लिए जल संस्थान को निर्देशित किया गया है। वहीं होटलों में भी अग्निशमन सुरक्षा की जल्द समीक्षा की जाएगी।
उप-जिलाधिकारी नंदन कुमार का कहना है कि होटल में आग लगने का प्रारंभिक कारण बिजली का शार्ट सर्किट ही लग रहा है। दुर्घटना में कितना नुकसान हुआ, यह तो संपत्ति के मालिक ही बता सकते हैं, जो अभी बेल्जियम में हैं। उनके मसूरी आने पर ही नुकसान का सही अनुमान हो पाएगा। उनके 1-2 दिन में भारत पहुंचने की उम्मीद है।
अग्निशमन अधिकारी धीरज सिंह तड़ियाल ने बताया कि विभाग की ओर से अग्नि सुरक्षा की एनओसी 3 वर्ष के लिए जारी की जाती है। ‘द पवेलियन रिंक’ की एनओसी का फरवरी 2022 में नवीनीकरण करवाया गया था।