इंडिया न्यूज: (Tiger project completes 50 years) विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के संरक्षण के लिए देश विदेश में जाना जाता है।आज 1अप्रैल 2023 को प्रोजेक्ट टाइगर को 50 वर्ष पूरे हुए है। प्रोजेक्ट टाइगर की ही देन है कि कॉर्बेट पार्क में लगातार बाघों का कुनबा बढ़ता रहा।
विश्वविख्यात कॉर्बेट नेशनल पार्क अनवरत प्रोजेक्ट टाइगर के मिशन को सार्थक साबित करता है। विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में 2006 के बाद लगातार बाघों का कुनबा बढ़ता गया। कहीं ना कहीं प्रोजेक्ट टाइगर की ही देन है, कि 2006 के बाद लगातार बाघ के कुनबे में वृद्धि हुई है। बता दें कि प्रोजेक्ट टाइगर को आज 50 वर्ष पूरे हो चुके हैं और आज कॉर्बेट प्रशासन 50 वर्ष पूरे करने की खुशी में 50 वर्ष की खुशी मना रहा है। जिसमें बाघों के संरक्षण व संवर्धन पर भी चर्चा की जा रही है।
प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत सबसे पहले उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से हुई थी। 50 वर्ष पूर्व बाघों की घटती संख्या को लेकर प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की गई थी।इसी कड़ी में 50 साल पहले बाघों की संख्या में ‘अभूतपूर्व कमी आने पर वन्य जीवों के लिए काम कर रही संस्थानों के निवेदन व जागरूकता के बाद 1970 में केंद्र सरकार ने बाघ के शिकार पर प्रतिबंध लगाते हुए 1972 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम लागू कर दिया।उस वक़्त देश मे बाघों की संख्या 1827 थी।वर्ष 1973 में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ(WWF) के सहयोग से कार्बेट सहित देश के नौ नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुवात की थी।
वहीं, इसके साथ ही 2006 में (एनटीसीए )राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण की शुरुआत की। और बाघों के संरक्षण के लिए तेजी से कार्य हुआ।आपको बता दें कॉर्बेट पार्क में बाघों की संख्या-
साल संख्या
2006 160
2010 186
2014 215
2020 250
साल संख्या
2006 1411
2010 1706
2014 2226
2020 2967
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