दरअसल मामला 2015 का है जब टिहरी बांध से प्रभावित नंदगांव के ग्रामीण विस्थापन की मांग कर रहे थे। अपनी मांग को लेकर यह ग्रामीण पुनर्वास निदेशालय कार्यालय नई टिहरी के बाहर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हुए थे। मगर ग्रामीणों के शांतिपुर धरने से तंग आकर पुनर्वास विभाग ने इन सभी 16 ग्रामीणों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज करा दिया था। तब से ही इस मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी। कई परिक्षण और पक्ष विपक्ष की कानूनी दलीलों के बाद यह फैसला लिया गया है। कोर्ट के फैसले के अनुसार 16 ग्रामीणों सहित बीजेपी के नेता खेम सिंह चौहान,पदम सिंह एवं सोहन सिंह राणा सहित अन्य ग्रामीण अब दोषमुक्त हैं।
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