India news (इंडिया न्यूज़) Tiger Terror, पौड़ी: पौड़ी जिले की लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र के रिखणीखाल के जुई गांव में बाघ का शावक वन विभाग पिंजड़े में कैद हो गया। हालांकि खतरा अभी भी यहां टला नही है। इस क्षेत्र में एक और बाघ की सक्रियता कायम है। जिसके मद्देनजर जिलाधिकारी ने रिखणीखाल और धुमाकोट के बाघ प्रभावित क्षेत्रों में आज 28 अप्रैल को समस्त विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया है। छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से चलाने का आदेश शिक्षा विभाग को दिया है।
रिखणीखाल क्षेत्र में लंबे समय से बाघ की दहशत कायम है। वहीं वन विभाग की टीम बाघ की सक्रियता पर अपनी नजरे बनाए हुए थी। क्षेत्र में पिंजड़ा भी लगाया गया था ताकि बाघ पिंजड़े में कैद हो सके। वहीं यहां 10 दिनों कि मशक्कत के बाद इस क्षेत्र में डेरा डाले वन विभाग की टीम ने कुछ हद तक राहत की सांस तब ली जब एक बाघ का शावक पिंजड़े के कैद हो गया। बाघ की उम्र डेढ़ साल आंकी गई है।
रिखणीखाल ब्लॉक के डल्ला गांव में बीते 13 अप्रैल को बाघ ने एक बुजुर्ग की जान ले ली थी। तब से ही बाघ की सक्रियता ग्रामीणों में खौफ पैदा कर रही है। ग्रामीण को अब भी वन विभाग ने सतर्कता बरतने के लिए कहा है। वहीं गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने भी वन विभाग के अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में समुचित सुरक्षा व्यवस्था बनाए निर्देश दिए गए है। गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि बाघ प्रभावित क्षेत्रों में दहशत कम हो इसके लिए वे मुख्य वन संरक्षक से भी लगातार संपर्क कर रहे हैं। वहीं गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी आशीष चौहान भी बाघ प्रभावित क्षेत्रों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।