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Dehradun News: उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र समाप्त, वित्त मंत्री ने विपक्ष के नेताओं का किया धन्यवाद

• LAST UPDATED : September 9, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Abhishek Kumar, Dehradun : उत्तराखंड में 5 सितंबर से शुरू हुए विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार रात को अनिश्चित काल के लिए समाप्त हो गया। 3 दिन तक चले इस सत्र में सरकार ने विभागावार 11321 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित किया। जबकि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी के लिए सरकारी सेवाओं में 10% क्षैतिज आरक्षण के प्रस्ताव को त्रुटियां दूर करने के लिए प्रवर समिति को भेज दिया गया। सत्र के पहले दिन स्वर्गीय चंदन रामदास को श्रद्धांजलि दी गई।

सत्र की अवधि को बढ़ाया जाए – विपक्ष

दो दिनों की कार्रवाई पूरी शांतिपूर्ण तरीके से चली। इस दौरान 12 विधेयको को भी पास कराया गया। वहीं शुक्रवार सत्र के अंतिम दिन की कार्रवाई के दौरान विपक्ष ने प्रदेश में सरकार से बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल किया। सदन में बेलगाम नौकरशाही पर विशेषाधिकार हनन का मामला भी उठाया गया, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन के भीतर अधिकारियों को लेकर सख्त टिप्पणी की और मुख्य सचिव को मध्य अवकाश में तलब भी किया। साथ ही तीन दिनों के सत्र के लिए विपक्ष लगातार मांग भी करता रहा कि सत्र की अवधि को बढ़ाया जाए। इसके लिए तीनों दिन सत्र से पहले विपक्ष ने हंगामा भी किया। लेकिन अच्छी बात यह रही कि तीन दिनों तक चले विधानसभा सत्र की कार्रवाई काफी शांतिपूर्ण ढंग से चली। हालांकि, विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर उनके सवालों के सही जवाब न देने का आरोप भी लगाया।

सत्र शांतिपूर्ण चलाने में सहयोग के लिए धन्यवाद

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सत्र शांतिपूर्ण चलाने में सहयोग के लिए विपक्ष के नेताओं और सरकार के सभी मंत्रियों का धन्यवाद किया। प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा मानसून सत्र में 3 दिन की कार्रवाई काफी शांतिपूर्ण तरीके से चली है जिसके लिए वह विपक्ष के सभी नेताओं और सरकार के मंत्रियों का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान प्रदेश के मुद्दों के साथ-साथ दिल्ली में हो रही जी20 की बैठक, मिशन चंद्रयान 3 और आदित्य एल1 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इसरो के वैज्ञानिको का धन्यवाद भी किया।

नियमों के हिसाब से सदन साल में 60 दिन चलाया जाना आवश्यक

विपक्ष ने सदन की कार्रवाई पर सरकार से सदन शुरू होने से पहले ही मांग की थी कि सदन को नियमों के हिसाब से साल में 60 दिन चलाया जाना आवश्यक है, लेकिन सरकार पिछले दो सालों में ऐसा नहीं कर पाई है। मौजूदा सत्र महज 3 दिन का रखा गया। जिससे जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की जनता के सवालों का जवाब नहीं ले पाए, क्योंकि सदन की कार्रवाई के लिए समय बहुत ही कम रखा गया।

सरकार सदन की गरिमा को बनाए रखने में सहयोग दे- नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य 

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार सदन की गरिमा को बनाए रखने में सहयोग दे तो सदन की कार्रवाई साल में 60 दिनों तक चलाई जा सकती है। नेता प्रतिपक्ष ने राज्य आंदोलनकारी के लिए आरक्षण प्रस्ताव पर कहा कि कांग्रेस विधायक अनुपम रावत इस प्रस्ताव को सदन के पटल पर रखा, लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव को प्रवर समिति को भेज दिया है जो सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े करता है।

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