होम / Uttarakhand: निर्दलीय MLA उमेश कुमार के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा वापस लेगी धामी सरकार, सियासत शुरू

Uttarakhand: निर्दलीय MLA उमेश कुमार के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा वापस लेगी धामी सरकार, सियासत शुरू

• LAST UPDATED : November 18, 2022

Uttarakhand

इंडिया न्यूज, देहरादून (Uttarakhand) । उत्तराखंड सरकार निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा पर अचानक मेहरबान हो गई है। जल्द ही खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार शर्मा के खिलाफ दर्ज राजद्रोह का केस खत्म हो सकता है। वर्तमान की धामी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दाखिल किया है। जिसमें कहा गया है कि एसएलपी वापस लेना चाहते हैं। बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए उमेश कुमार शर्मा के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया था।

हाईकोर्ट ने मुकदमा रद्द करने का दिया था आदेश
अक्टूबर 2020 में हाई कोर्ट ने उमेश कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उमेश कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमों को निरस्त करने के साथ साथ उमेश कुमार की याचिका पर तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस आदेश से राजनीतिक संकट बढ़ा था। अगले ही दिन राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अर्जी लगाई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। मामले में 3 अलग अलग एसएलपी दाखिल की गई थी। इसमें राज्य सरकार बनाम उमेश कुमार, हरेंद्र बनाम उमेश कुमार, त्रिवेंद्र सिंह रावत बनाम उमेश कुमार शामिल थी।

दो मामले चलते रहेंगे
जानकारी के मुताबिक अब इस मामले में एसएलपी में आगे की कारवाई में राज्य सरकार ने अनिच्छा जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेने की गुजारिश का पत्र कोर्ट में प्रेषित कर दिया है। अब राज्य सरकार के इस फैसले से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत व कैंप को झटका लगना तय माना जा रहा है। हालंकि अभी 2 अन्य एसएलपी इसी मामले में कोर्ट में चल रही है इसमें त्रिवेंद्र बनाम उमेश कुमार,हरेंद्र बनाम उमेश शामिल है।

विधायक ने सरकार की SLP वापसी पर रखा अपना पक्ष

खानपुर के विधायक उमेश शर्मा ने कहा है कि वर्ष 2020 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नजदीकी शख़्स द्वारा उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा किया गया था। जिसके बाद लंबी न्यायिक लड़ाई चलने पर उच्च न्यायालय से उन्हें जीत हासिल हुई थी और उनके खिलाफ FIR रद्द करने का आदेश पारित करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे आरोपों का संज्ञान लेकर उनके खिलाफ CBI जांच के आदेश पारित किए गए थे। जिसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत सुप्रीम कोर्ट चले गए। जहां उमेश शर्मा के खिलाफ याचिका दायर कर CBI जांच पर यथास्थिति का आदेश पारित कर दिया गया।

खानपुर विधायक उमेश शर्मा ने बताया कि इसके अलावा भी उनके खिलाफ हरेंद्र सिंह रावत और सरकार बनाम उमेश शर्मा नामक तो अन्य SLP याचिका दाखिल हुई थी। मग़र उनके खिलाफ फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन याचिका को मौजूदा CM पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा निर्णय के मुताबिक वापिस लिये जाने की बात सामने आई ।है जिसे लेकर हंगामा भी हुआ है उन्होंने बताया कि यह सभी SLP अलग-अलग हैं और आखिरी 2 SLP का पहली वाली SLP से कोई संबंध नहीं है जिनके मुद्दे अलग-अलग हैं।

यह भी पढ़ें: जानिए क्यों मुख्यमंत्री धामी को करना पड़ा मिट्टी स्नान, पढ़िए पूरी खबर

Connect Us Facebook | Twitter

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox