Uttarakhand
इंडिया न्यूज, देहरादून (Uttarakhand) । उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक एसिड अटैक पीड़िता को 35 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। पीड़िता 2014 में अपराध के समय 17 साल की थी और 12वीं कक्षा में थी। बार-बार उसे परेशान करने वाले युवक की बात को खारिज करने के बाद, आरोपी ने देहरादून में उस पर तेजाब डाल दिया था, जिससे वह 60% जल गई थी। साथ ही उसके दाहिने कान में सुनने की क्षमता पूरी तरह से और बाईं ओर के कान में 50% खत्म हो गई थी। उसके चेहरे के ऊपरी हिस्से, छाती के हिस्से, गर्दन और हाथों पर भी गंभीर चोटें थीं।
यह था मामला
पीड़िता उस समय यूपी के मुजफ्फरनगर में अपनी दादी के गांव गई थी। वहां, उसकी उम्र से लगभग दोगुनी उम्र के एक आदमी ने शादी के लिए उसका पीछा करना शुरू कर दिया और उसके पीछे देहरादून चला गया। देहरादून में उसने उसके परिवार से मुलाकात की और अपना शादी का प्रस्ताव रखा। लेकिन उन्होंने उसे नाराजगी जताते हुए मना कर दिया। 24 नवंबर 2014 को, जब लड़की स्कूल से लौट रही थी, तो व्यक्ति ने उस पर तेजाब फेंक दिया और उस पर चाकू से हमला करने की भी कोशिश की। हालांकि दोषी को इस मामले में 2019 में 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।
मुआवजे से नहीं थे संतुष्ट
राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) उस समय आदेशित मुआवजा राशि से संतुष्ट नहीं था, इसलिए इसे एक बार फिर नए मामले के रूप में सुना गया। बुरी तरह जलने की चोटों के कारण, उसके जीवन का अधिकार काफी हद तक प्रभावित हो गया है। यही कारण है कि अदालत ने इलाज और पुनर्वास के साथ 35 लाख रुपये की मुआवजा राशि का आदेश दिया। सभी पक्षों को सुनने के बाद, न्यायमूर्ति संजय मिश्रा ने आदेश दिया कि पीड़ित को 35 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, जिसे राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि उसने अपने इलाज पर जो राशि खर्च की है और खर्च की जाएगी, वह राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी।
यह भी पढ़ें: Suicide: 10वीं की छात्रा ने गोली मार कर की आत्महत्या, परीक्षा के तनाव में उठाया कदम
Connect Us Facebook | Twitter