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Uttarakhand News: उत्तराखंड बनने जा रहा देश का पहला रोपवे वाला राज्य, बस भूमि की तलाश

• LAST UPDATED : September 8, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Uttarakhand News: उत्तराखंड देश का पहला रोपवे विनिर्माण वाला राज्य बनने जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की विनिर्माण प्रोजेक्ट के लिए भूमि उपलब्ध कराने की पेशकश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मान ली है। भूमि मिलने के बाद केंद्र सरकार रोपवे विनिर्माण के डिजाइन, तकनीक और शोध में सहयोग करेगी।

पुर्जे और तकनीक स्वदेशी तरीके से तैयार किए जाएंगे

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो, देश में रोपवे स्थापित करने वाली कंपनियां तो हैं, लेकिन इसके पुर्जों व अन्य तकनीक के लिए हमें काफी हद तक यूरोपीय देशों पर निर्भर होना पड़ता है। केंद्र सरकार रोपवे परियोजनाओं को स्थापित करने के साथ ही इसके पुर्जे और तकनीक स्वदेशी तरीके से तैयार करने में लगी है।

केंद्र सरकार द्वारा अगले 5 वर्षों में 1200 कि.मी. से अधिक लंबाई की रोपवे की योजना

‘पर्वतमाला परियोजना’ के तहत केंद्र सरकार अगले 5 वर्षों में 1200 कि.मी. से अधिक लंबाई के रोपवे की 250 से अधिक परियोजनाओं का विकास करने की योजना पर है। इस योजना के लिए केंद्र सरकार राज्यों को ‘मेक इन इंडिया’ की पहल के तहत रोपवे विनिर्माण के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वहीं पिछले दिनों सीएम धामी राज्य की सड़क और रोपवे परियोजनाओं की पैरवी करने के लिए केंद्रीय मंत्री से मिले थे। इसी दौरान गडकरी ने मुख्यमंत्री के सामने यह प्रस्ताव रखा।

उत्तराखंड में ही रोपवे के इतने प्रस्ताव

पर्वतमाला प्रोजेक्ट के तहत राज्य में 41 प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। इनमें से सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब रोपवे पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग का उपक्रम नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) काम कर रहा है। वहीं दोनों परियोजनाओं के टेंडर हो चुके हैं। साथ ही केदारनाथ रोपवे पर 1200 करोड़ और हेमकुंड साहिब रोपवे पर 850 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

इन प्रोजेक्टों की NHLML तैयार कर रहा डीपीआर

इन प्रस्तावित रोपवे का प्री-फिजिबिलिटी सर्वे पूरा हो गया है। ऋषिकेश-नीलकंठ (पौड़ी), बालाती बैंड-खालिया (उत्तरकाशी), औरील-गोरसों (चमोली), रानीबाग-हनुमान मंदिर (नैनीताल), कनकाचोरी-कार्तिक स्वामी मंदिर (रुद्रप्रयाग), पंचकोटी-बौराड़ी (नई टिहरी), रैथल-बारसू-बरनाला-दयार बुग्याल (उत्तरकाशी), उत्तरकाशी नगर-वरुणावत चोटी (उत्तरकाशी)।

क्यों चाहिए रोपवे

राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में कई ऐसे इलाके हैं, जहां पक्की रोड का निर्माण करना मुश्किल या असंभव है। रोपवे से दूरदराज के इलाकों तक लोगों की पहुंच होगी, जिसकी वजह से कहीं न कहीं पर्यटन को भी काफी तेज गति से बढ़ावा मिलेगा।

गडकरी के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही सरकार

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि- केंद्रीय मंत्री के प्रस्ताव पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। जल्द ही इस संबंध में पर्यटन और उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर आगे की योजना पर काम किया जाएगा। राज्य सरकार का अवस्थापना विकास, रोड और रोपवे कनेक्टिविटी पर खास फोकस है। इस रोपवे विनिर्माण के लिए सरकार भूमि की जल्द तलाश करेगी।

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