India News (इंडिया न्यूज), उत्तराखंड: प्रदेश में पिछले छह महीनों में वन अपराध के मामलों में भारी उछाल देखने को मिला है। यहां बीतें 6 महीनों में 1557 अपराध के मामलें अए है। जिसमें की सबसे अधिक मामले वन में लड़कियां चोरी की है। साथ ही वन में हो रही अवैथ खनन पर भी पोल खुली है। अवैध खुदाई के 357 मामलों में वन विभाग ने चालान काटा है। इसके अलावा अवैध शिकार के 14 मामले भी दर्ज किए गए हैं।
पिछलें 6 माह के आकंड़ों पर गौर करें तो कुमाऊं मंडल में 948 मामले वन अपराध के दर्ज किए गए। इनमें सर्वाधिक 266 मामले अवैध पतन जबकि 206 अवैध खनन और चुगान के हैं। इसके साथ ही 126 मामले ट्रांजिट नियम के तहत दर्ज किए गए हैं। नैनीताल वन प्रभाग में 5 और चंपावत वन प्रभाग में अवैध शिकार का 1 मामला दर्ज किया गया है। जबकि 344 मामले अन्य अपराधों में दर्ज किए गए। कुमाऊं में वन अपराध की सर्वाधिक 68 प्रतिशत घटनाएं पश्चिमी वृत्त के अंतर्गत घटित हुई हैं।
वन अपराध के मामलों के मद्देनजर रखते हुए मीटिंग हुई है। जो होना तो हर 1 महीनें में चाहिए थी लेकिन इस बार पूरें 6 महीनें पर हुई है। वन अधिकारी इसकी की वजह को भी स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। बैठक में प्रदेश के वन अपराधों की समीक्षा पर चर्चा की गई।
ये भी पढ़ें:- Uttarakhand News: हाई कोर्ट ने हटाई शराब के ट्रैटा बिक्री पर लगी रोक, पैक पर QR लगानें के दिए आदेश