India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand News: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज उत्तराखण्ड राज्य में पार्टी संगठन की मजबूती तथा वहाँ हर स्तर पर पार्टी के जनाधार को बढ़ाने सम्बंधी कार्यों आदि की गहन समीक्षा बैठक की। इस दौरान उल्लेखित कमियों को दूर करने के क्रम में विभिन्न स्तर पर फेरबदल करके मिशनरी लोगों को आगे करके बेहतर परिणाम लाने का प्रयास करने सहित कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दिये।
उत्तराखण्ड से सम्बंधित सीनियर पदाधिकारियों व पार्टी की अन्य जिम्मेदारी संभाल रहे। लोगों के साथ बैठक में पार्टी गतिविधियों की प्रगति रिपोर्ट के अलावा वहाँ के राजनीतिक हालात का फीडबैक आदि प्राप्त करने के बाद सुश्री मायावती जी ने कहा कि उत्तराखण्ड में बी.एस.पी. को आगे बढ़ने की भरपूर संभावनायें विद्यमान हैं। उत्तर प्रदेश से अलग होने से पहले उस पहाड़ी क्षेत्र के लोगों की जरूरतों के हिसाब से विकास का जो आधारभूत काम बी.एस.पी. की सरकार द्वारा वहाँ किया गया है। उसे राजनीतिक विद्वेश व जातिवादी सोच आदि के बावजूद कभी भी भुलाया जाना असंभव है।
शासन-प्रशासन व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने व इनको जनता के द्वार के नजदीक सुगम न्याय पहुँचाने के उद्देश्य से दिनांक 29 सितम्बर सन 1995 को कुमायूं मण्डल में उधमसिंह नगर नाम से नये जिले का निमार्ण किया गया और फिर उसके बाद सितम्बर सन् 1997 में बागेश्वर चम्पावत एवं रूद्रप्रयाग के नाम से नया जिला बनाकर लोगों को उनकी चाहत के हिसाब से जनहित व विकास का कार्य सुनिश्चित किया गया। जबकि दूसरी पार्टियाँ चुनावी प्रलोभन, जुमलेबाजी और वादाखिलाफी आदि में ही ज्यादातर व्यस्त रहीं, जिससे आम जनता का हित व कल्याण प्रभावित हुआ है और उत्तराखण्ड अलग राज्य बन जाने के इतने दिनों के बाद भी महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि से लड़ता हुआ समुचित जनहित, जनकल्याण व आपेक्षित विकास के लिए तरस रहा है।
जहाँ तक उत्तराखण्ड में बी.एस.पी. के चुनावी प्रदर्शन का मामला है तो यह ठीक-ठाक ही कहा जा सकता है, किन्तु इस मामले में और ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है। पार्टी को अब तक वहाँ सत्ता प्राप्ति तक या बैलेन्स आफ पावर बनकर जरूर उभर जाना चाहिए था, लेकिन जनता के विश्वास से ज्यादा यह अपने लोगों की ही कमी मानी जाएगी कि बी.एस.पी. वहाँ भारी संभावनाओं के बावजूद अपना सही राजनीतिक दबदबा नही बना पाई है और वहाँ के खासकर दलित, आदिवासी, अन्य पिछड़े व अकिल्यत समाज के लोग अपने लाचार, मजबूर तथा अपने राजनीतिक हक व इंसाफ से ज्यादातर वंचित नजर आते हैं, जो अति- दुःखद ।
इस समीक्षा के दौरान बैठक के दौरान उत्तराखण्ड सरकार के कार्यकलापों के सम्बंध में यह पाया कि वर्तमान सरकार द्वारा लोगों को बसाने के कल्याणकारी कार्य का कम बल्कि उजाड़ने के जनविरोधी कार्य ज्यादा किया गया है। साथ ही, पर्यटन के विकास को लेकर व्यवसायिक दृष्टिकोण अधिक होने के कारण पहाड़ी राज्य के लोग आपदाओं आदि से दुःखी व परेशान हैं। इन मामलों में उनकी बुनियादी जरूरतों की अनदेखी करने को अनुचित बताते हुए सरकार से विकास को जनहित के साथ बैलेन्स करके चलने की माँग की गई ताकि क्षेत्र का स्थानीय सौंदर्य व स्थायित्व दोनों बरकरार रहे और लोग संतुष्ट ।
(1) बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में पार्टी संगठन की मजबूती तथा जनाधार को बढ़ाने सम्बंधी कार्यों की गहन समीक्षा बैठक, जिस दौरान कमियों को दूर करने के क्रम में मिशनरी लोगों को आगे करके बेहतर बदलाव करने के निर्देश ।
(2) उत्तराखण्ड के विकास हेतु बी.एस.पी. सरकार द्वारा अनेकों आधारभूत कार्य किए गए हैं, जिसको कभी भी न भुलाये जाने आदि के कारण पार्टी को आगे बढ़ने की भरपूर गुंजाइश।
(3) उत्तराखण्ड में बी. एस. पी. का चुनावी प्रदर्शन वैसे तो ठीक-ठाक रहा है, किन्तु इस मामले में और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है पार्टी को अब तक वहाँ सत्ता प्राप्ति तक या बैलेन्स आफ पावर बनकर उभर जाना चाहिए था। पुरानी कमियों को दूर करके नए जोश से आगे बढ़ने पर बल ।
(4) साथ ही, उत्तराखण्ड सरकार का रवैया लोगों को बसाने के जनकल्याणकारी कार्य का कम बल्कि उजाड़ने के जनविरोधी कार्य ज्यादा हुआ है। पर्यटन विकास के प्रति भी व्यवसायिक दृष्टिकोण सही नही सुश्री मायावती जी द्वारा उत्तराखण्ड सम्बंधी समीक्षा बैठक ।
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