इंडिया न्यूज यूपी/यूके, पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड का अंकिता भंडारी केस पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। शनिवार सुबह नहर से मिले अंकिता के शव का शनिवार को ऋषिकेश AIIMS में पोस्टमार्टम हुआ। हत्या का आरोप राज्य के पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित पर है। 19 साल की अंकिता उसके रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। प्रशासन ने शुक्रवार रात को पुलकित के रिसॉर्ट को बुलडोजर चलाकर ढहा दिया। शनिवार को गुस्साए लोगों ने उसमें आग लगा दी।
रिसेप्शनिस्ट की जॉब करती थी मृतक अंकिता
बता दें कि पुलकित, अंकित और सौरभ नाम के 3 लड़कों के साथ अंकिता भंडारी की दोस्ती थी। अंकिता रिसेप्शनिस्ट की जॉब पुलकित के ही रिसॉर्ट में करती थी। पुलकित और अंकिता में किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। 18 सितंबर की शाम अंकिता इन तीनों के साथ चीला नहर के किनारे बैठी थी, वहां फिर इन लोगों में विवाद होने लगा।
आरोपियों को 14 दिनों की हिरासत में भेजा गया जेल
अंकिता की लाश 7 दिन बाद एसडीआरएफ की मदद से नहर में मिली। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों को महिलाओं ने पुलिस के सामने बुरी तरह पीटा। वहीं रिसॉर्ट में तोड़फोड़ करके आग भी लगा दी। वहीं आरोपी पुलकित के पिता और भाई को बीजेपी ने बर्खास्त कर दिया है।
ये था पूरा मामला
पुलिस ने दर्ज की गई एफआईआर में लिखा है कि अंकिता भंडारी अंकिता 17-18 सितंबर से गायब थी। इसके बाद उसके पिता ने रिसॉर्ट पहुंचकर कर्मचारियों से पूछताछ की थी। बेटी का पता नहीं चलने पर उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अंकिता 17 सितंबर की रात करीब 8 बजे पुलकित आर्य, उसके रिजॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता के साथ ऋषिकेश गई थी।
वापस आते समय तीनों आरोपियों ने चीला रोड के किनारे शराब पी। अंकिता उनके ड्रिंक खत्म होने का इंतजार करती रही। शराब पीने के बाद तीनों लड़की से झगड़ने लगे। हाथापाई में अंकिता ने पुलकित का मोबाइल भी नहर में फेंक दिया था। इस दौरान अंकिता ने रिसॉर्ट में अनैतिक गतिविधियों का विरोध किया था। उसने धमकी भी दी कि वह सभी को यहां चलने वाली अनैतिक गतिविधियों के बारे में बता देगी। इस बात से गुस्साए पुलकित और उसके साथियों ने लड़की को नहर में धकेल दिया।
पुलकित ने पुलिस से बताई झूठी कहानी
शक के आधार पर जब पुलिस ने पुलकित से पूछताछ की, तो उसने पुलिस को बताया कि रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी रिसॉर्ट के एक कमरे में रहती थी। कुछ दिन से वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी। इसलिए वह और उसके दोस्त 18 सितंबर को अंकिता को ऋषिकेश घुमाने ले गए थे। देर रात सभी वहां से वापस लौट आए। लौटकर सभी रिसॉर्ट में बने अलग-अलग कमरों में सोने चले गए। 19 सितंबर की सुबह अंकिता अपने कमरे से गायब थी। पुलिस की पड़ताल में यह कहानी झूठी निकली।
सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा
पुलकित के बाद पुलिस ने रिसॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश जाते समय अंकिता इन लोगों के साथ थी, लेकिन वह इनके साथ लौटकर नहीं आई। इसके बाद पुलिस ने ऋषिकेश के रास्ते पर लगे हुए तमाम CCTV कैमरों के फुटेज चेक किए। इनसे यह बात साबित हुई कि रिसॉर्ट से जाते समय कुल चार लोग थे, लेकिन वापस तीन ही लौटे।
नहर से बरामद हुआ अंकिता का शव
पुलकित की कहानी झूठ निकलते ही पुलिस का शक गहरा गया और उससे सख्ती से पूछताछ शुरू हुई। सोशल मीडिया पर भी उसकी तलाश के लिए कैंपेन चल रहा था। पुलिस ने शक के आधार पर पुलकित से पूछताछ की। आरोपी ने अंकिता को गंगा में धकेल देने की बात कबूल की। इसके बाद रेस्क्यू एजेंसियों ने अंकिता का शव चिल्ला पावर हाउस के पास एक नहर से बरामद किया।