India News (इंडिया न्यूज़), Uttarkashi Love Jihad: पुरोला में नाबालिग लड़की के अपहरण की घटना के बाद से आक्रोश का माहौल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है।पुरोला में आज और शुक्रवार को भी निषेधाज्ञा की धारा 144 लागू की गई है।पुरोला बाजार अब खुल गया है। लेकिन मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों की दुकान शुक्रवार के दिन बंद रहती हैं। उधर, 25 जून को बड़कोट में महापंचायत करने की घोषणा करने वाले यमुना घाटी हिंदू जागृति संगठन के पदाधिकारियों को डिप्टी कलेक्टर बड़कोट में वार्ता के लिए बुलाया गया है। ताकि महापंचायत के आयोजन से बचा जा सके और क्षेत्र में शांति बनी रहे।
इस बीच एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के ट्वीट को लेकर एक बार फिर सियासत गर्म हो गई है। उन्होंने ये कहा है कि उत्तराखंड के मुसलमानों को निशाना बनाना एक सोची समझी साजिश है। झूठ के दम पर मुसलमानों को जान-माल से बेदखल करने की हर संभव कोशिश की जा रही है। इस साजिश में बीजेपी और संघ परिवार के लोग पूरी तरह से शामिल हैं।
#उत्तराखंड में एक सोची समझी साज़िश के तहत मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। झूठ की बुनियाद पर मुसलमानों को उनके जान और माल से महरूम करने की हर मुम्किन कोशिश की जा रही है। भाजपा और संघ परिवार के लोग इस षड्यंत्र में पूरी तरह शामिल है।
"सबका साथ, सबका विकास" की लफ़्फ़ाज़ी एक… https://t.co/PKr1xFXSYz
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 15, 2023
एक तरफ ”सबका साथ, सबका विकास” की बयानबाजी और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री की चुप्पी। आरएसएस के भागवत कहते हैं, ‘मुस्लिम दुनिया में सबसे सुरक्षित भारत में हैं’। भागवत को उत्तरकाशी जाकर ऐसा कहना चाहिए। सच तो यह है कि भारत का मुसलमान हिंसक हिंदुत्व के आतंक के खिलाफ अकेला ही लड़ रहा है।
उधर, यमुना घाटी हिंदू जागृति संगठन द्वारा 25 जून को बड़कोट में महापंचायत आयोजित करने की घोषणा के बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया है। गुरुवार की शाम जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने बड़कोट अनुमंडल पदाधिकारी जितेंद्र कुमार को हिंदू जागृति संगठन के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है, जिसमें महापंचायत आयोजित करने की बात कही गई है।
जिसके बाद डिप्टी कलेक्टर जितेंद्र कुमार ने शुक्रवार को हिंदू जागृति संगठन के कार्यकर्ताओं को संवाद बैठक के लिए आमंत्रित किया है। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिये गये हैं कि संबंधित संगठन के पदाधिकारी महापंचायत के आयोजन संबंधी मांगों पर चर्चा करें। संभव है कि उनकी जायज मांगों पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। ताकि महापंचायत के आयोजन को टाला जा सके।
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