India News (इंडिया न्यूज़),Uttarkashi News: पुरोला में शासन ने नगर पंचायत के पद को खाली घोषित कर दिया है। शासन को ओर से जिलाधिकरी की जांच व शहरी विकास निदेशालय की आख्या के आधार पर यग आदेश जारी किया है। बताते चले कि नगरपंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी के विरुद्ध बोर्ड के 4 सभासदों ने जिलाधिकारी से कोरोना काल के दौरान वित्तीय अनियमितता सहित विभिन्न मदों में सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। जिसके बाद शपथ पत्र के साथ लिखित शिकायत डीएम व शहरी विकास निदेशालय को दी थी।
सभासदों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी ने राज्य वित्त सहित 15 वें वित्त और अवस्थापना मदों में बिना सापेक्ष से अधिक भुगतान कर अपने चहेतों को मुनाफा दिलवाया था। जिसके साथ ही बोर्ड बैठक के प्रस्ताव में भी कटिंग कर छेड़छाड़ की गई थी।
आरोप लगाया गया है कि नगरपंचायत अध्यक्ष की ओर से कोरोना काल में 26.25 लाख से अधिक की सामान खरीद की गई। जिसके भुगतान का कोई अभिलेख नहीं है। वहीं विद्युतीकरण के नाम पर लाखों का फर्जी हुई थी। कोरोना काल में पेट्रोल डीजल अपने चहेतों के गाड़ियों में भरवाया गया। जिसका बिल भी नगरपंचायत के नाम पर ही भरा गया। इस सम्पर्क में जिलाधिकारी ने जांच कर जुलाई 2022 में रिपोर्ट शहरी विकास निदेशालय को भेजी थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर निदेशालय ने जनवरी 2023 में हरिमोहन नेगी को कारण बताओ नोटिस भेजा था। जिस पर नगरपंचायत अध्यक्ष ने अपना जवाब फरवरी महीनें में निदेशालय को भेजा था।
निदेशक शहरी विकास निदेशालय ने अध्यक्ष के उत्तर और साक्ष्यों के आधार पर साल 2023 जुलाई को आख्या शासन को सौंपी। निदेशालय की आख्या के आधार पर अध्यक्ष वित्तीय अनिमितताओं में संलिप्त पाए गए। जिस पर शासन ने कार्यवाई करते हुए नगरपंचायत अध्यक्ष पुरोला के पद को खाली करने की घोषणा करी।
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