India News (इंडिया न्यूज़), Water Crisis: नैनीताल रोड स्थित वॉकवे मॉल के पास देवखड़ी नाले की सफाई व पुनर्निर्माण कार्य के तहत रविवार को जल संस्थान की मुख्य व वितरण पाइपलाइन को शिफ्ट करने का कार्य जारी रहा। पेयजल लाइन को शिफ्ट करने के लिए जल संस्थान को शीशमहल के प्लांट नंबर दो के साथ ही प्लांट नंबर तीन को भी बंद करना पड़ा। तीन प्लांट एक साथ बंद होने से शहर की करीब 50 हजार की आबादी को पेयजल संकट से जूझना पड़ा। हालांकि विभाग ने पेयजल के लिए प्रभावित क्षेत्रों में टैंकर भेजे, लेकिन यह लोगों के लिए पर्याप्त नहीं था। कई जगह तो पानी भरने के लिए मारपीट तक की नौबत आ गई।
कार्यपालन यंत्री आरएल लोशाली टीम सहित मौके पर रहकर काम कराते रहे। उन्होंने बताया कि पेयजल लाइन को शिफ्ट करने के लिए रविवार को शीशमहल के चार में से तीन प्लांट को बंद करना पड़ा। जिससे नैनीताल रोड के शीशमहल, डिग्री कॉलेज, नबवी रोड, बद्रीपुरा, मल्ला गोरखपुर, बाजार क्षेत्र, रामपुर रोड, कालाढूंगी रोड, बरेली रोड, राजपुरा, रेलवे बाजार क्षेत्र में 50 हजार से अधिक की आबादी पानी के लिए परेशान रही।देर रात तक लाइन शिफ्टिंग का काम पूरा कर आपूर्ति फिर से शुरू करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
सोमवार से लोगों को पहले की तरह पीने का पानी मिल सकेगा। पेयजल प्रभावित क्षेत्रों में मांग के अनुरूप टैंकर भेजे गए हैं। करीब 30 टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति की गई। ताकि लोगों को पानी की समस्या का सामना न करना पड़े। पेयजल लाइन शिफ्टिंग में एई नीरज तिवारी, जेई सतीश बिष्ट, ठेकेदार खिम सिंह बिष्ट, कर्मचारी हीरा सिंह, कुंदन, सुंदर, नंदू पिछले एक सप्ताह से दिन रात लगे हुए हैं।
गर्मी बढ़ने के साथ पेयजल संकट भी गहरा गया है। टनकपुर रोड स्थित 16 क्वार्टर एरिया में पिछले छह माह से लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. दो दिनों से गौला की आपूर्ति ठप रहने से आसपास की कॉलोनी में भी पानी की समस्या हो गई थी, जिससे यह स्थिति और भी भयावह हो गई थी। रविवार को भी वह पानी भरने को लेकर मारपीट से बाल-बाल बच गई। टैंकर के पहुंचते ही लोग खाली बर्तनों से एक दूसरे पर हमला करने लगे। उधर, शाह फार्म के नलकूप की रविवार को भी मरम्मत नहीं हो सकी। जागरण संवाददाता ने संबंधित क्षेत्र के सहायक अभियंता व अवर अभियंता से जब इस मामले के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
ये भी पढ़ें:- Forest Fire: प्रदेश के जंगलों में राहत, पिछली साल से कम जली हरियाली