इंडिया न्यूज, देहरादून।
Who is Harak Singh Rawat : बीजेपी (BJP) ने अपने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित (Expelled) कर दिया है। रावत आज कांग्रेस (Congress) में शामिल हो सकते हैं। रावत और उनकी बहू अनुकृति गुसाईं रविवार को ही दिल्ली (Delhi) के लिए निकल गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) द्वारा रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और बीजेपी द्वारा उन्हें छह साल के लिए निष्कासित करने के बाद उत्तराखंड की राजनीति में ये नाटकीय मोड़ आ गया। बताया गया कि रावत नाराज हैं क्योंकि उनकी बहू को टिकट नहीं मिल रहा है।
सूत्रों के अनुसार हरक सिंह रावत कांग्रेस के संपर्क में हैं और वो अपने साथ बीजेपी के दो अन्य विधायक भी लेकर जाएंगे। हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने में सिर्फ हरीश रावत एकमात्र बाधा हैं। कुछ दिन पहले जब हरीश रावत से पूछा गया था कि हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होंगे? तो उन्होंने जवाब दिया था कि इसमें कोई समस्या नहीं है। अगर हरक खुले तौर पर अपनी गलती स्वीकार करते हैं और कहते हैं कि उन्होंने पार्टी और उत्तराखंड के साथ गलत किया तो दरवाजे खुले हैं।
15 दिसंबर 1960 में जन्मे हरक सिंह रावत ने 80 के दशक में श्रीनगर गढ़वाल विवि की छात्र सियासत से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। फिर वह यहीं विवि में प्रवक्ता बन गए। हालांकि उन्होंने नौकरी ज्यादा दिनों तक नहीं की और वह 1984 में बीजेपी के टिकट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 1991 में फिर वह भाजपा के टिकट पर पौड़ी से चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें जीत मिली। उस दौरान भाजपा की कल्याण सिंह सरकार में उन्हें पर्यटन मंत्री बनाया गया। इसी के साथ हरक सिंह रावत कल्याण सिंह की कैबिनेट के सबसे युवा मंत्री बने।
1993 में एक बार फिर हरक सिंह रावत भाजपा के टिकट पर पौड़ी से ही चुनाव लड़े और दोबारा विधायक बने। तीसरी बार तीसरी बार टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा छोड़ दी और बसपा का दामन थाम लिया। इसके बाद उन्होंने 1998 में बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन वह चुनाव हार गए। इसी साल उन्होंने बसपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और फिर उत्तराखंड बना तो वह कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हो गए।
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 2002 में पहला विधानसभा चुनाव हुआ। इस चुनाव में हरक सिंह रावत कांग्रेस के टिकट से लैंसडौन सीट से विधायक बने। वहीं 2007 में भी हरक सिंह रावत कांग्रेस के टिकट से लैंसडौन से दोबारा चुनाव लड़े और जीते। वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में हरक सिंह रावत ने कांग्रेस के टिकट से रुद्रप्रयाग विधानसभा चुनाव लड़ा और वह इस बार भी विजयी हुए। इसके बाद मार्च 2016 में हरक सिंह रावत रावत अपनी ही सरकार से बगावत को लेकर चर्चा में आए। तब हरक सिंह रावत रावत ने हरीश रावत की सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद उन्हें विधानसभा सदस्यता गवानीं पड़ी। 2017 में चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए।
(Who is Harak Singh Rawat)
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