धन के संबंध में विद्वान आचार्य चाणक्य नीति में कहा गया है कि धन ही व्यक्ति का सच्चा मित्र होता है।
दान करने से पैसा कभी कम नहीं होता बल्कि दोगुना हो जाता है।
इसके अलावा बचत करना भी जरूरी है ताकि भविष्य में किसी के आगे मदद के लिए हाथ न बढ़ाना पड़े।
जिन लोगों को अपने धन पर घमंड होता है वे बहुत जल्द गरीबी के कगार पर आ जाते हैं।
मूल्यों से सब कुछ जीता जा सकता है लेकिन अहंकार से जो जीता गया है उसे भी खोया जा सकता है।
आचार्य चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को हमेशा अपनी ईमानदारी और मेहनत से पैसा कमाना चाहिए।
अगर आप गलत तरीके से पैसा कमाते हैं तो वह ज्यादा समय तक नहीं टिकता।
ईमानदारी और मेहनत से कमाई गई संपत्ति इंसान के हमेशा काम आते हैं।