हर पति-पत्नी जान लें प्रेमानंद महाराज की बताई ये बात, बरना होगी बर्बादी
जब कोई महिला गर्भवती होती है तो उसे नौ महीने तक कई चीजें याद रखने की सलाह दी जाती है।
कहा जाता है कि उसे पहेलियाँ बनानी चाहिए,
गीता या रामायण का पाठ करना चाहिए, आदि ताकि कॉलेज में उसके अंदर अच्छे संस्कार डाले जा सकें।
आपने गर्भ संस्कार के बारे में सुना होगा, गर्भ में ही सकारात्मक संस्कार शुरू करने का प्रयास किया जाता है।
गर्भवती महिलाओं के बारे में श्री प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि
अगर आप अच्छी मानसिक स्थिति में जन्म देना चाहती हैं
तो गर्भाधान के दौरान अपनी इंद्रियों को नियंत्रण में रखें।
आप जो भी करेंगे, उसका सीधा असर बच्चे पर दिखेंगा।
इस समय भगवान का नाम लें, पवित्र ग्रंथों का पाठ करें और भगवान की भक्ति में लीन रहें।