शादीशुदा शख्स जज से बोला- साहब गर्लफ्रेंड से बनाना है संबंध, फिर जज ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक कैदी की पैरोल को नामंजूर कर दिया है।

दरअसल, एक कैदी जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है, जेल में उसके साथ पत्नी और बच्चे भी हैं। 

लेकिन फिर भी वो पैरोल पर बाहर आकर अपनी लिव-इन पार्टनर के साथ संबंध बनाकर संतान चाहता था। 

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि भारतीय कानून और जेल नियम किसी कैदी को वैवाहिक संबंध बनाने के लिए पैरोल की इजाजत नहीं देते, वह भी लिव-इन पार्टनर के साथ।

जज स्वर्णकांता शर्मा ने कहा कि किसी को भी अपने लिव-इन पार्टनर से संतान पैदा करने का मूल अधिकार नहीं है। 

कोर्ट ने कहा, भारत का कानून और दिल्ली जेल नियम वैवाहिक संबंध बनाने के लिए पैरोल की इजाजत नहीं देते, वह भी लिव-इन पार्टनर के साथ।