किसके कहने पर वेद व्यास ने की थी श्रीमद भागवत की रचना?

आषाढ़ मास में गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास की जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है।

मान्यता है कि इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था।

महर्षि वेद व्यास ने अपने जीवनकाल में श्रीमद्भागवत के अलावा 17 पुराणों की रचना की थी, लेकिन फिर भी उनका मन दुखी ही रहता था।

महाभारत और पुराणों की रचना करने के बाद भी महर्षि वेद व्यास एक दिन चिंतित बैठे थे कि अब मेरा कोई कर्तव्य शेष नहीं रह गया है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार वेद व्यास के आश्रम में देवर्षि नारद जी की पूजा हो रही थी।

नारद जी ने व्यास जी से कहा था कि आपने महाभारत की रचना की है, यह बहुत ही अद्भुत है।

यह धर्म मूल पुरुषार्थों से भी श्रेष्ठ है। आपने सनातन ब्राह्मण धर्म के बारे में बहुत सोचा है।

लेकिन आप अधूरे मनुष्य की तरह विलाप क्यों कर रहे हैं?

नारद जी ने कहा कि उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की महिमा का वर्णन उस तरह से नहीं किया है, जैसा व्यास जी ने किया है।