यहां होता है स्कूली बच्चियों का खतना, मिलता है खौफनाक दर्द
महिला ख़तना एक ऐसी प्रथा है जिसमें ग़ैर-चिकित्सीय कारणों के लिए, महिला जननांग के एक हिस्से को हटाया या उसे क्षति पहुँचाई जाती है
मुख्य रूप से इसमें बचपन से 15 साल की उम्र तक की लड़कियों को शिकार बनाया जाता है
यूएन कार्यालय ने बताया कि अनेक देशों ने महिला जननांग विकृति की प्रथा के उन्मूलन के लिए अपने प्रयास तेज़ किए हैं, मगर अब भी यह दुनिया के अनेक हिस्सों में प्रचलित है
यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों में परिवार अपनी बेटियों को स्कूली अवकाश के दौरान अपने मूल देशों व समुदायों में ले जाते हैं, जहाँ उनका ख़तना कराया जाता है
कुछ मामलों में लड़कियों को ऐसे देशों में ले जाया गया है, जोकि महिला जननांग विकृति के मामले में एक बड़ा केन्द्र बनकर उभरे हैं
ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें महिला ख़तना को अंजाम देने वाले व्यक्ति सीमाओं के पार-जाकर इस हानिकारक प्रक्रिया को पूरा करते हैं.
रिपोर्ट में दुनिया भर में सीमा-पार या पार-राष्ट्रीय आवाजाही के उन मामलों की शिनाख़्त की गई है, जिनके पीछे वजह महिला ख़तना को अंजाम दिया जाना है
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने आगाह किया है महिला जननांग विकृति के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई में एक बड़ी चुनौती, लड़कियों को राष्ट्रीय सीमाओं से परे ले जाकर अन्य देशों में उनका गुपचुप ढंग से ख़तना कराया जाना है
रिपोर्ट में इस चुनौती से निपटने के लिए विशाल स्तर पर क्षेत्रीय व अन्तरराष्ट्रीय सहयोग पर बल दिया गया है