भंडारे का खाना-खाना चाहिए या नहीं? प्रेमानंद महाराज ने बताया

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हम अक्सर देखते हैं कि धार्मिक स्थान या मंदिर में भंडारा होता है,

वहां आसपास रहने वाले लोगों की भारी भीड़ होती है।

जिसमें कई लोग समर्थ होने के बाद भी खाने की इच्छा से भंडारे में पहुंचते हैं।

इस विषय पर प्रेमानंद महाराज ने अपने विचार व्यक्त किए हैं।

प्रेमानंद महाराज राधा रानी के अनन्य भक्त हैं और वृंदावन में निवास करते हैं।

प्रेमानंद महाराज अपने सत्संग के माध्यम से लोगों को ईश्वर की भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

एक भक्त ने भंडारे या लंगर के बारे में प्रेमानंद महाराज से पूछा कि अगर किसी तीर्थ स्थल या रास्ते में भंडारा हो रहा है,

तो उस भंडारे का भोजन क्या होना चाहिए?

इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा है कि अगर आप किसी दूसरे व्यक्ति से पैसे ले रहे हैं

या किसी दूसरे व्यक्ति का खाना खा रहे हैं,

तो आपका पुण्य समाप्त हो जाएगा और दूसरे व्यक्ति को इसका धार्मिक लाभ मिलेगा।