ऐसे इंसान का हर जगह होता है अपमान
आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों के बारे में बताया जिसको कही भी सम्मान नहीं मिलता है।
किसी विशेष समाज या वर्ग का होने से लोगों को सम्मान नहीं मिलता है।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक, मूर्ख मनुष्य हमेशा पिशाच के समान होता है।
उन्होंने आगे बताया कि बुद्धिहीन यानी मूर्ख व्यक्ति घृणा का पात्र होता है।
चाणक्य के मुताबिक, बुद्धिहीन आचरण ही मनुष्य के नीचता को दिखाता है।
बुद्धिमान मनुष्य अपने हित को देखते हुए नीच लोगों का साथ छोड़ देता है। लेकिन बुद्धिहीन व्यक्ति ये काम नहीं कर पता है।
इसी कारण बुद्धिहीन व्यक्ति का समाज में लोग सम्मान नहीं करते है।
बुद्धिमान इंसान अपनी काबिलियत के दम पर समाज में बहुत सम्मान पाता है।
चाणक्य के मुताबिक, बुद्धिमान आदमी किसी से पीछे नहीं रहता है वो हमेशा सफलता पाता है।