पूरी दुनिया के ज्यादातर देश अपनी करेंसी खुद ही छापते हैं। लेकिन कुछ देशों की करेंसी दूसरे देशों में छापी जाती है।
करेंसी छापने में चीन की एक कंपनी सबसे आगे है। ये कंपनी इन देशों की करेंसी को छापती है।
ये कंपनी नोट में उपयोग होने वाले स्याही से लेकर थ्रेड और कागज तक खुद बनाती है।
इस कंपनी के पास 10 बड़े कारखाने है। जो नोट छापने और उससे जुड़े सामान देता है।
इस कंपनी में 18000 से ज्यादा लोग काम करते है। इस कंपनी का दावा है कि यहाँ से एक नोट भी बाहर नहीं जाता है।
ब्रिटेन और अमेरिका से भी बड़ी हैं ये कंपनी, क्योंकि यूएस ब्यूरो ऑफ एनग्रेविंग एंड प्रिंटिंग में 2,000 तो वही ब्रिटेन की डी ला रू में भी 3,000 से अधिक लोग काम करते है।
1984 में चीन की मुद्रा छापने के साथ इस प्रिंटिंग कंपनी की शुरुआत की गई थी। बाद में ये बहुत बड़ी कंपनी बन गया।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक जो एशियाई देश अपनी नोट खुद नहीं छाप पाते है उनको चीन छापता है।