जब हनुमान जी ने तोड़ा था भीम का घमंड
मंगल के बारे में एक पौराणिक कथा उस समय की भी है
जब द्वापरयुग में कौरवों और पांडवों का आपस में युद्ध हुआ था।
कहा जाता है कि महाभारत काल में भीम द्रौपदी के अनुरोध पर कमल के फूल लेने के लिए गंधादन पर्वत पर स्थित कमल सरोवर पर पहुंचे थे।
लेकिन वहां हनुमान जी सड़क पर लेटे हुए थे और उनकी पूंछ सड़क के ऊपर चक्कर लगा रही थी।
भीम इसे पार नहीं करना चाहते थे।
भीम ने हनुमानजी से अपनी पूंछ साइड में करने को कहा ताकि वे आगे बढ़ सकें।
हनुमान जी मुस्कुराये और भीम की बात को अनसुना कर दिया।
हनुमान जी ने कहा कि तुम बलशाली हो, मेरा पूंछ स्वयं ही हटा दो और आगे बढ़ जाओ।
इस बात से भीम क्रोधित हो गये और हनुमान जी की पूँछ हटाने लगे।
पहली बार पूँछ नहीं हिली। तब भीम ने उसकी पूँछ हिलाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन उसे हिला भी नहीं सके।
हनुमान जी ने भीम का अपनी ताकत का घमंड पल भर में तोड़ दिया।